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Inspiring story : Lockdown में इंटीरियर का धंधा हुआ चौपट, डेयरी फॉर्मिंग शुरू की, बेचा 7 लाख का दूध-घी

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, मंगलवार, 27 जुलाई 2021 (18:39 IST)
स्टोरी एवं फोटो : वृषिका भावसार

कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते कई लोगों के धंधे चौपट हो गए। इन्हीं में से एक हैं अहमदाबाद के इंटीरियर डिजाइनर चेतन पटेल। लॉकडाउन में इंटीरियर का धंधा पूरी तरह चौपट हो गया। निराश भी हुए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। पूरे साहस से चुनौतियां का सामना किया और एक अलग ही धंधा खड़ा कर दिया और कामयाब भी हुए। 
 
चेतन बताते हैं कि अहमदाबाद में उनका कारोबार बढ़िया चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन में सबकुछ चौपट हो गया। मैंने हिम्मत नहीं हारी। नया धंधा शुरू करना बड़ी चुनौती होती है, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मित्र की सलाह पर अपने गांव में डेयरी फॉर्मिंग की शुरुआत की। चेतन पटेल की मेहनत रंग लाई और पहले ही साल में उन्होंने 7 लाख रुपए का घी और दूध बेचा।
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वे कहते हैं कि डेयरी फॉर्मिंग की शुरुआत से पहले गायों के संबंध में काफी जानकारी जुटाई। गिर नस्ल की गायों के साथ गोशाला की शुरुआत की। शुरुआत में हम आसपास के इलाकों में दूध बेचने लगे। धीरे-धीरे लोगों को हमारे काम के बारे में पता लगा। फिर हमें उनकी तरफ से ऑर्डर मिलने लगे। हम हर दिन सुबह-शाम ग्राहकों तक दूध पहुंचाने लगे। अभी हम अहमदाबाद शहर में दूध की डिलीवरी कर रहे हैं। चेतन महीने करीब 3 हजार लीटर दूध बेचते हैं। अभी उनके पास गिर नस्ल की 25 गायें हैं।

चेतन पटेल के पार्टनर जिग्नेश शाह ने बताया कि चेतन अपनी योजना मेरे पास लेकर आए और मुझे उनकी योजना पसंद आई। इसके बाद हमने तय किया कि कुछ ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के लिए काम किया जाए। यहीं से इस गोशाला की शुरुआत हुई और आज हम लोगों को ऑर्गेनिक दूध और घी उपलब्ध करवा रहे हैं।
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चेतन ने बताया कि ग्राहकों से हमें अच्छा रिस्पांस मिला। दूध के साथ हमने घी भी बनाना शुरू किया। चेतन के इस काम में उनके परिवार के लोग भी पूरा सहयोग करते हैं। उनके बच्चे भी गायों के साथ वक्त बिताते हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में इन गायों का दूध 100 रुपए प्रति लीटर बिकता है। देसी घी की कीमत प्रतिकिलो 2400 रुपए के आसपास है। वे हर महीने करीब 30 लीटर ऑर्गेनिक घी की भी डिलीवरी कर रहे हैं। गायों की देखभाल भी वे अच्छी तरह से करते हैं। गायों के लिए ऑटोमेटिक पानी की टंकी भी लगा रखी है, जो खाली होने के बाद अपने आप भर जाती है।
इस तरह कर सकते हैं शुरुआत : चेतन बताते हैं कि यदि बजट कम है तो आप 4-5 पशुओं के साथ डेयरी फॉर्मिंग की शुरुआत कर सकते हैं। धीरे-धीरे पशुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं। इसमें 2 से 3 लाख रुपए का खर्च आ सकता है। चेतन कहते हैं कि कॉमर्शियल लेबल पर शुरुआत करने के लिए 10 से 15 लाख रुपए के बजट की आवश्यकता होती है। यदि आप प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करना चाहते हैं तो इसका खर्च एक करोड़ रुपए तक आता है। 
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लोन और सब्सिडी : डेयरी स्टार्टअप के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मदद उपलब्ध करवाती हैं। 10 पशुओं के स्टार्टअप के लिए आप 10 लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता है। यह लोन आप किसी सहकारी बैंक या सरकारी बैंक से ले सकते हैं।

लोन पर नाबार्ड की तरफ 25% सब्सिडी भी मिलती है। आरक्षित वर्ग के लिए 33% तक सब्सिडी का प्रावधान है। हालांकि अलग-अलग राज्यों में स्कीम थोड़ी-बहुत अलग हो सकती है। किसी प्रोफेशनल से इसका प्रोजेक्ट बनवाया जा सकता है।

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