इंफाल। भारत और म्यांमार के बीच सोने की कीमतों में बढ़ते अंतर के साथ ही उस पर लगाए जाने वाले उच्च आयात शुल्क के चलते अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार इस पीली धातु की तस्करी में वृद्धि हुई है। इंफाल सीमा शुल्क विभाग की तस्करी-निरोधक इकाई की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मणिपुर की 398 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा इस पड़ोसी देश के साथ लगी हुई है।
सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह से निकटतम म्यांमार में नामफलोंग बाजार के बीच निर्धारित अवधि में लोगों की स्वतंत्र आवाजाही के चलते राज्य 'सोने की अवैध तस्करी संभावित क्षेत्र' बन गया है।
भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) लागू है जिसके तहत सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बिना वीजा के सीमा पार 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति है। अधिकारी ने कहा कि सीमा पर इस निर्बाध गतिविधि और आसानी से पैसे कमाने के लालच की वजह से मणिपुर तस्करों के लिए एक अनुकूल स्थान बन गया है।
तस्करी-निरोधक इकाई की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल केवल मणिपुर में ही 137.4 किलोग्राम सोने की बरामदगी हुई थी जिसकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपए है, वहीं समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र से 267.2 किलोग्राम सोना बरामद किया गया था जिसकी कीमत करीब 84.12 करोड़ रुपए थी।