लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हुई बर्बर घटना ने एक बार फिर 16 दिसंबर, 2012 की बहुत ही बुरी याद ताजा कर दी, जब दिल्ली में 'निर्भया' के साथ कुछ नरपिशाचों ने दुष्कर्म किया और बहुत वीभत्स तरीके से उसके अंगों को क्षत-विक्षत कर दिया था।
दरअसल, 14 सितंबर एक बार फिर कुछ दरिंदों ने एक बेटी को अपना शिकार बनाया। इतना ही नहीं, इन लोगों ने युवती की जीभ काट दी और गर्दन भी तोड़ दी। सोमवार को हालत बिगड़ने के बाद उसे अलीगढ़ से सफदरजंग अस्पताल भेजा गया था, जहां आज यानी मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया।
जांच अधिकारी ने अपनी विवेचना रिपोर्ट में युवती के साथ मारपीट व दरिंदगी की बात कही है। 19 सितंबर को युवती बेहोशी की हालत में थी, इसके चलते बयान नहीं हो पाए। 22 सितंबर को जेएन मेडिकल कॉलेज में बयान दर्ज किए।
चूंकि युवती की जीभ कटी हुई थी, इसलिए वह बोल नहीं पा रही थी, लेकिन इशारों ही उसने अपनी साथ हुई दरिंदगी की दास्तां बयां की। बताया जाता है कि लड़की विवशता देख पुलिस वाले भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।
आईजी का चौंकाने वाला बयान : जांच अधिकारी की रिपोर्ट के उलट दलित युवती के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अलीगढ़ रेंज के आईजी पीयूष मोर्डिया का बयान चौंकाने वाला है। उनका कहना है कि पीडिता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। आईजी के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
आईजी ने यह भी कहा कि 22 सितंबर को पीड़िता ने तीन और लोगों के नाम लिए थे और दुष्कर्म का आरोप लगाया। सैंपल्स फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद हकीकत का खुलासा हो जाएगा। हालांकि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।