इंदौर से उदयपुर आने के बाद पहले दिन सिटी पैलेस घूमने और यात्रा की थकान मिटाने के बाद हाथीपोल में खरीददारी को हमने दूसरे दिन के लिए स्थगित किया। यह वही इलाका है जहां कन्हैयालाल की गला रेतकर निर्मम हत्या हुई।
जैसे इंदौर में क्लॉथ मार्केट मशहूर है वैसे ही उदयपुर में हाथीपोल इलाका कपड़ों के लिए मशहूर है। जगदीश मंदिर के दर्शन करने के बाद हम कपड़ों की खरीदारी करने के लिए हाथीपोल इलाके में करीब 11-30 बजे घुसे।
घटना से पहले रौनक नहीं थी बाजार में : कुछ महीने पहले मेरी बहन भी उदयपुर घूमने आई थी और कहा था कि राजस्थानी कपड़े की खरीदारी के लिए हाथीपोल इलाका बहुत ही मशहूर है। यहां जरूर जाना।
लेकिन जब हम पहुंचे तो बाजार में इतनी रौनक नहीं थी जैसा कि मेरी बहन और स्थानीय लोगों ने बताया। अमूमन कपड़ों के लिए मशहूर इलाके में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है। कपड़ों के अलावा यह इलाका मोजड़ी (राजस्थानी जूतियां) और राजस्थानी कलाकृतियों के लिए भी मशहूर है।
एक जरूरी बात यह कि यह मुस्लिम बहुल इलाका है। इसमें पंक्तिबद्ध दुकानें मुस्लिमों की ही थीं, फिर चाहे वह दाउदी बोहरा समाज से हों या फिर सुन्नी समुदाय से। दुकानों के नाम जैसे कुतुब टेक्सटाइल्स, हुसैन टैक्सटाइल्स यह समझने के लिए काफी था कि यह इलाका मुस्लिम बहुल है।
इलाके में 2-3 थी हिंदुओं की दुकानें : इस इलाके में कुछ दुकानें हिंदुओं की भी थीं। जैसे कि गणपति प्लाजा, विनायक क्रिएशन। गिनी चुनी इन दुकानों में से एक कन्हैयालाल की दुकान भी थी।
उदयपुर कभी भी सांप्रदायिक हिंसा के लिए नहीं जाना गया। यही कारण है कि दोनों ही समुदाय के लोगों में लंबे समय तक प्रेम और आपसी सौहार्द रहा है।
घटना से ठीक पहले छोड़ा हाथीपोल का इलाका : घटना से ठीक पहले हम दोनों (मैं और मेरी पत्नी) ने यह इलका छोड़ा ताकि उदयपुर के मशहूर पुरोहित भोजनालय में भोजन किया जा सके जो दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए मशहूर है। हम आनंद प्लाजा की ओर चले गए।
घटना के 3 घंटे बाद चेतक चौराहे पर निकली भगवा रैली : 2-30 बजे से 5: 30 बजे तक हम शहर के दूसरे इलाके में थे इस कारण कन्हैयालाल हत्याकांड की हमें खबर नहीं थी। ना ही इस बात के बारे में किसी दुकान या ठेले वाले ने बताई ना ही शहर घूमने आए हुए पर्यटकों ने।
चेतक चौराहे के करीब पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने के बाद हम करणी माता मंदिर के दर्शन के लिए जैसे ही आगे बढ़े एक भगवा रैली निकली जिसमें श्रीराम के जयकारे लगाए जा रहे थे और एक बड़ा सा झंडा जिसमें रुद्र हनुमान का चित्र था वह फहराया जा रहा था। यह काफी आक्राम रैली थी और लोग दांत भींचकर और मुट्ठी बनाकर नारे लगा रहे थे।
दूर खड़े हुए देख रहे थे मुस्लिम समुदाय के लोग : यह इलाका हाथी पोल के पास ही था जो घटना स्थल के बेहद करीब था। चेतक चौराहे और रैली निकलने वाली जगह के बीच एक मस्जिद भी थी। इस कारण कुछ मुसलमान वहीं खड़े रैली का नजारा देख रहे थे। ज्यादातर मुसलमानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही थीं तो कुछ हंसी-मजाक में मशगूल थे।
पूरा शहर हुआ कुछ घंटों में बंद : रैली से पहले ही मुस्लिम बहुल हाथीपोल इलाके में सभी दुकानें बंद कर दी गई थीं। इसके अलावा रैली के बाद सभी इलाके जैसे सूरजपोल, भूतमहल की दुकानें भी बंद होने लग गईं। अम्बराई और गणगौर घाट पर भी भीड़ कम होने लग गई।
ऐसी जगहों पर जहां पैर रखने की जगह नहीं होती थी वह इलाके सुनसान होने लगे। सिर्फ फतह सागर झील में बोटिंग चालू रही और नियत समय 6:30 पर ही यह सुविधा बंद हुई।
रैली के बाद शहर में उमड़ा ट्रैफिक : रैली के बाद जो लोग इस जघन्य घटना से अनभिज्ञ थे उन्हें भी पता चल गया कि दो आतंकवादियों ने एक टेलर का गला रेता है। दुकानदार अपनी दुकान बंद करके घरों की ओर अग्रसर हुए वहीं शहर घूमने आने वाले पर्यटक ने अपने होटलों की ओर रुख किया।
नतीजा यह हुआ कि शहर की सड़कों पर घंटों तक जाम लगा रहा। रेंगते हुए यातायात में लोग धीरे-धीरे करके अपनी मंजिल की ओर बढ़ते दिख रहे थे। स्कूल, कॉलेज के साथ साथ कई ऑफिसों में भी जल्दी छुट्टी हो गई थी। चेतक चौराहे से जो ट्रैफिक जाम शुरू हुआ वह आगे कई चौराहों तक रहा। इस बीच एक चौराहे पर प्रदर्शन भी हुआ और दोनों ही आरोपियों के पुतले जलाए गए।
इंटरनेट हुआ बंद, एटीएम पर भी लगी कतारें : सज्जन नगर इलाके से कुछ पहले ट्रैफिक सामान्य हुआ और इसके बाद शहर में इंटरनेट डाउन हो गया जिससे डिजिटल पेमेंट करने में लोगों को आ रही तकलीफों को कारण एटीएम की ओर दौड़ लगानी पड़ी। रात के करीब 8 बजे उदयपुर के साथ साथ पूरे राजस्थान में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया।