गांधीनगर। गुजरात सरकार ने मंगलवार को विधानसभा को सूचित किया कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्डों से संबद्ध स्कूलों समेत राज्य में हिन्दी एवं उर्दू माध्यम के विद्यालयों को कक्षा एक से आठवीं तक गुजराती भाषा पढ़ानी होगी।
शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने कहा कि यह निर्णय इसी शैक्षिक वर्ष से लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 1960 के दशक में केंद्र द्वारा गठित कोठारी आयोग ने सिफारिश की थी कि शिक्षा में मातृ भाषा को तरजीह दी जानी चाहिए। राज्य में कई गैर गुजराती माध्यम के स्कूलों के साथ साथ अन्य बोर्डों से संबंद्ध विद्यालय गुजराती भाषा नहीं पढ़ा रहे हैं।
मंत्री ने सदन को बताया कि इस वजह से राज्य में बच्चे ठीक से गुजराती समझने और बोलने में असमर्थ हैं। (भाषा)