Refusal to cancel the FIR lodged against Teesta Setalvad: गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने मौखिक टिप्पणी की है कि दस्तावेजों को देखने के बाद वह शवों को कब्र से निकालने के मामले में 2006 में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की 'इच्छुक नहीं' है। सीतलवाड़ पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में गोधरा दंगों के पीड़ितों की कब्र खुदवाई थी।
अदालत का विशेषाधिकार : न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की अदालत में सोमवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया तब उन्होंने सीतलवाड़ के वकील से कहा कि दस्तावेजों पर गौर करने के बाद मैं (राहत देने को) इच्छुक नहीं हूं। सीतलवाड़ के वकील ने कहा कि यह अदालत का विशेषाधिकार है लेकिन वह अपने मुवक्किल को समझाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि अंतत:, यह (मेरे मुवक्किल के) राजनीतिक उत्पीड़न का मामला है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta