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महाराष्ट्र में मिली गीता की मां, 2015 में परिवार की तलाश में आई थी भारत

हमें फॉलो करें महाराष्ट्र में मिली गीता की मां, 2015 में परिवार की तलाश में आई थी भारत
, गुरुवार, 11 मार्च 2021 (07:25 IST)
इंदौर/कराची। पाकिस्तान से वर्ष 2015 में भारत लौटी गीता को महाराष्ट्र की 70 वर्षीय महिला ने अपनी बेटी बताया है और कुछ ब्योरों का मिलान होने के बाद उम्मीद जागी है, कि गीता को उसका खोया परिवार वापस मिल सकता है। इस बीच ईधी वेल्यफेयर ट्रस्ट की बिलकिस ईधी ने दावा ‍किया ‍कि गीता को महाराष्ट्र में उसकी असली मां से मिला दिया गया है।

सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा कि गीता महाराष्ट्र के परभणी की गैर सरकारी संस्था पहल फाउंडेशन के परिसर में रहकर कौशल विकास का प्रशिक्षण ले रही है। पुरोहित ने बताया कि औरंगाबाद में रहने वाली मीना पांद्रे (70) ने दावा किया है कि गीता उनकी खोई बेटी है जो उनकी पहली शादी से पैदा हुई थी। मीना ने पुरोहित को बताया है कि गीता के पेट पर जलने का एक निशान है। यह बात सही पाई गई है।'
 
पुरोहित ने बताया कि गीता ने बचपन की धुंधली यादों के आधार पर उन्हें इशारों में बताया था कि उसके घर के पास एक नदी थी और वहां गन्ने तथा मूंगफली की खेती होती थी। इसके साथ ही वहां डीजल के इंजन से रेल चला करती थी।
 
मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की ने बताया कि डीएनए टेस्ट के बाद ही पांद्रे के इस दावे की पुष्टि हो सकेगी कि गीता उनकी बेटी है।
 
पाकिस्तान के ‘डॉन’ अखबार ने भी खबर दी है कि विश्व प्रसिद्ध ईधी वेल्यफेयर ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी ने बताया कि गीता नाम की भारतीय मूक बधिर लड़की को महाराष्ट्र में उसकी असली मां से मिला दिया गया है।
 
बिलकिस ने बताया कि वह मेरे संपर्क में थी और इस सप्ताहांत उसने मुझे अपनी असली मां से मिलने की अच्छी खबर दी। उसका (लड़की का) असली नाम राधा वाघमारे है और उसे उसकी असली मां महाराष्ट्र राज्य के नैगांव में मिली।
 
बिलकिस के मुताबिक, उन्हें गीता एक रेलवे स्टेशन से मिली थी और जब वह 11-12 की रही होगी। उन्होंने उसे कराची के अपने केंद्र में रखा था। वह किसी तरह से पाकिस्तान आ गई थी और जब कराची में हमें मिली थी तो वह बेसहारा थी।
 
बिलकिस ने बताया कि उन्होंने उसका नाम फातिमा रखा था लेकिन जब उन्हें मालूम चला कि वह हिंदू है तो उसका नाम गीता रखा गया। हालांकि वह सुन और बोल नहीं सकती है। 2015 में भारत की पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने लड़की को भारत लाने का इंतजाम किया था।
 
बिलकिस ने बताया कि गीता को अपने असली माता-पिता ढूंढने में करीब साढ़े चार साल का वक्त लगा और इसकी पुष्टि डीएनए जांच के जरिए की गई है। उन्होंने बताया कि गीता के असली पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है और उसकी मां मीना ने दूसरी शादी कर ली है। (भाषा)

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