मध्यप्रदेश में प्याज की 50 पैसे और लहसुन की 2 रुपए किलो बिक्री...

मुस्तफा हुसैन
नीमच। प्याज और लहसुन को लेकर एक बार फिर मालवा की मंडियों में बवाल मचा है। इसका कारण है प्याज और लहसुन के भाव औंधे मुंह गिरना जिसके कारण प्याज और लहसुन किसानों को लागत मूल्य तो दूर, लाने का किराया भाड़ा भी नहीं मिल रहा है।
 
 
प्रदेश की सबसे बड़ी सीमांत मंडी नीमच में सोमवार को प्याज 50 पैसे और लहसुन 2 रुपए किलो बिकी। इसके चलते किसान या तो अपनी फसल वापस ले जा रहे हैं या फिर मंडी में छोड़कर जा रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि इस भाव में बेचने से अच्छा है कि वे मवेशियों को खिलाएंगे।
 
नीमच जिले के गांव केलूखेड़ा से सोमवार को इंदरमल पाटीदार 15 क्विंटल प्याज लेकर नीमच मंडी आए थे। सोचा था कि प्याज बेचकर कुछ जरूरी सामान खरीदेंगे लेकिन जब मंडी पहुंचे तो पता चला कि प्याज का भाव तो मात्र 50 पैसे किलो रह गया है।
 
प्याज किसान पाटीदार ने कहा कि मैं यह प्याज वापस अपने गांव ले जा रहा हूं और वहां मवेशियों को खिलाऊंगा। पाटीदार उन्नत किसान हैं और उनके पास अपना ट्रैक्टर भी है जिससे वो प्याज नीमच मंडी में लाए। पड़ोसी राज्य राजस्थान के मरजीवी से आए किसान महेश कुमार कहते हैं कि हम प्याज लेकर नीमच आ तो गए लेकिन अब भाव नहीं मिल रहे, ऐसे में यह प्याज यहीं छोड़कर जा रहे हैं, क्योंकि ले जाने का भाड़ा कौन भुगतेगा?
गौरतलब है कि एक बीघा में प्याज लगाने में करीब 15 हजार रुपए का खर्च आता है और इस एक बीघा में लगभग 15 क्विंटल प्याज पैदा होता है। यदि सोमवार के भाव से जोड़ें तो किसान को मात्र 750 रुपए मिल पा रहे हैं। फिर ऐसा भी नहीं कि इस बार प्याज की उपज ज्यादा हुई हो, क्योंकि कृषि विभाग के आंकड़े कहते हैं कि वर्ष 2017 में 3,400 हैक्टेयर में प्याज की बुवाई हुई थी जबकि वर्ष 2018 में 3,500 हैक्टेयर में नीमच जिले में प्याज बोई गई।
 
यदि लहसुन की बात करें, तो प्रदेश की सबसे बड़ी लहसुन मंडी नीमच में सोमवार को लहसुन का भाव मात्र 2 रुपए किलो रह गया। बदनावर से आए किसान राजेश ने कहा कि हम रविवार से आए हुए हैं, लेकिन सोमवार को मंडी खुलने के बाद लहसुन का जो भाव मिला, उससे मायूसी हुई। इससे तो आने-जाने का खर्च भी नहीं निकलेगा जबकि निम्बाहेड़ा (राजस्थान) से आए किसान श्यामलाल धाकड़ कहते हैं कि लहसुन किसान बर्बाद हो गए। हमारी लागत तक नहीं निकल रही है। सब कुछ 'अंधेर नगरी चौपट राजा' जैसा है। किसानों की कोई सुनने वाला ही नहीं है।
 
इस मामले में लहसुन और प्याज व्यापारी कहते हैं कि आवक ज्यादा है इसलिए भाव कम है, क्योंकि इस समय नीमच मंडी में लहसुन और प्याज की 10-10 हजार बोरी आवक हो रही है जबकि मंडी सचिव संजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि किसान बेहतर गुणवत्ता का माल लेकर मंडी में आएंगे तो उनको बेहतर दाम मिलेगा।

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