देहरादून। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने बताया कि अंकिता हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए आरोपी रिसॉर्ट के स्वामी पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलकित बेहद बेहद शातिर है। इन आरोपियों पर गैंगस्टर लगाया जाएगा दूसरी ओर पुलिस व प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
उन्होंने कहा कि अंकिता के दोस्त पुष्प व पुलकित के मैनेजर के बीच फोन पर हुई बात व व्हॉट्सएप चैट महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। जल्द ही पुष्प को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट में आग लगाकर साक्ष्य नष्ट करने वाली बात सही नहीं है। एएसपी शेखर सुयाल ने अपनी टीम के साथ मौके पर जाकर पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए थे। इसके अलावा फोरेंसिक टीम भी कमरे से साक्ष्य जुटा चुकी है।
डीजीपी के अनुसार इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने में पुलिस जल्दबाजी नहीं करेगी। पूरे साक्ष्य एकत्र करने के बाद ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
दूसरी तरफ वनंत्रा रिसॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट एसआईटी को मिल गई। रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर 5 जगहों पर चोट के निशान होने का उल्लेख है, साथ ही मौत का कारण पानी में डूबना और दम घुटना बताया गया है। मृतका के साथ दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई है। फिर भी संदेह दूर करने के लिए सैंपल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
मृतका के स्वजन पोस्टमार्टम के बाद से ही रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। देर शाम उन्हें भी यह रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गई। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना और डूबना बताया गया है। हत्याकांड के मुख्य आरोपित पुलकित आर्य सहित गिरफ्तार तीनों आरोपियों को एसआईटी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मंगलवार को अदालत में अर्जी दाखिल की जा सकती है।
अंकिता मर्डर के खुलासे के बाद अब भी प्रशासन पर जो सवाल उठ रहे हैं, उनमें 5 साल पहले बना इतना बड़ा रिसॉर्ट 5 साल तक गैरकानूनी ढंग से चलता रहा और पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी? यह पहला सवाल है। इसके अलावा सवाल यह भी है कि अगर इस रिसॉर्ट में जिस्मफरोशी का धंधा हुआ करता था और ये रिसॉर्ट अंकिता की मौत के कई सबूत अपने अंदर समेटे है, ऐसे में इसके अतिरिक्त भी कुछ और सवाल उठ रहे हैं कि मौका-ए-वारदात पर बुलडोजर क्यों चलवा दिया गया? जबकि सीआरपीसी में साफ प्रावधान है कि मर्डर जैसी घटना से जुड़े स्थल या घटनास्थल पर कोई भी तोड़फोड़ नहीं की जा सकती।
इससे यह सवाल मौजूं हो गया है कि कहीं ये गैरकानूनी ढांचा गिराना अंकिता की मौत से जुड़े सबूतों को मिटाने की साजिश तो नहीं? अगर नहीं तो बिना क्राइम सीन की पूरी जांच के उसे यूं मटियामेट क्यों किया गया? अभी तक आरोपियों की स्कूटी और बाइक जब्त क्यों नहीं गई? पुलकित के घटना के समय शराब पीने की बात कही गई है तो ड्राई एरिया में शराब कैसे आई?
वारदात से जुड़ी जिन सीसीटीवी फुटेज का जिक्र पुलिस कर रही है, वे कहां हैं? सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व फॉरेस्ट एरिया के आस-पास किसी भी निर्माण रोक लगा रखी है तो वहां रिजॉर्ट क्यों और कैसे बन रहे हैं? पुलिस-प्रशासन अंकिता भंडारी की लाश का अंतिम संस्कार कराने की जल्दबाजी में क्यों था? मृतका की मां भी इस पर सवाल उठा चुकी है।