Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

दिलों को जीतने के लिए अहिंसा की जरूरत होती है - कमिश्नर डॉ. भार्गव

हमें फॉलो करें दिलों को जीतने के लिए अहिंसा की जरूरत होती है - कमिश्नर डॉ. भार्गव
, गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019 (23:17 IST)
रीवा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर हमारे देश को आजादी दिलाने में महती भूमिका निभाई। गांधीजी ने अहिंसा को सार्वजनिक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल किया। हिंसा से युद्ध तो जीता जा सकता है लेकिन लोगों के दिलों को नहीं जीता जा सकता है।

लोगों के दिलों को जीतने के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलना जरूरी है। यह उद्गार कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्थानीय टीआरएस कालेज में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
 
उन्होंने कहा कि गांधीजी का नाम पवित्र है। उनके स्मरण मात्र से ही मन पवित्रता से भर उठता है। गांधी जी महान व्यक्तित्व के धनी थे। प्रयोगों का दूसरा नाम गांधी है। उन्होंने अपने जीवन में सत्य तथा अहिंसा के बल पर कई प्रयोग किए और बिना किसी ढाल या तलवार के देश को आजाद कराने में अपना अमूल्य योगदान दिया। गांधीजी का जीवन दर्शन आज भी प्रासंगिक है। गांधीजी ने जीवन शक्ति और नैतिक शक्ति में समन्वय बनाकर कार्य किया और सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमारे देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
 
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि अहिंसा बहादुरों का अलंकरण है। जिनके पास शक्ति है वही अहिंसा के मार्ग पर चल सकते हैं। अहिंसा सभी के कल्याण के लिए होती है। सबके कल्याण और सुखी होने की कामना अहिंसा से ही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखकर देश में फैली गंदगी और अस्वच्छता के खिलाफ जंग जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का दर्शन देश को स्वच्छता की ओर ले जाने के लिए मार्ग को प्रशस्त करता है। महिलाओं के प्रति अत्याचार एवं बेटियों के प्रति भेदभाव को मिटाने का मार्ग दिखाता है।
 
डॉ. भार्गव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने साधन और साध्य की पवित्रता का जो मूल मंत्र दिया वह सदैव प्रेरणा का स्त्रोत रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा आचरण पवित्र होना चाहिए। गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को जीवन में उतार कर हम देश के कल्याण के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। गांधी जी महा चैतन्य एवं रण का विजयी योद्धा कहलाते हैं। उनकी हर बात में एक नई बात दिखाई देती है। गांधी जी जैसे महान व्यक्तित्व के लिए हमारी आंखें तरसती हैं। उन्होंने नशा उन्मूलन की दिशा में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
 
उन्होंने कहा कि नशा नाश की जड़ है। जितनी मौतें बीमारियों से नहीं होती हैं, उससे कई गुना लोग नशे के कारण मर जाते हैं। नशा हमारे विवेक को खत्म कर देता है और तन मन को प्रदूषित कर देता है। जिस घर में कोई व्यक्ति नशा करता है उस घर का मान सम्मान और इज्जत मिट्टी में मिल जाती है। 
 
उन्होंने कहा कि अच्छी चीजें अपना अच्छा प्रभाव छोड़ती हैं और गंदी चीजें गंदा का प्रभाव छोड़ती हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी गूंज की तरह है हम जैसा करते हैं वैसा ही फल हमें प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि गांधी जी का विराट रूप हमारे अंधकार को दूर करने में महती भूमिका का निर्वहन कर सकता है। इसलिए उनके व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतार कर अपना जीवन सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए। 
 
कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि गांधी जी का दर्शन भारत को स्वतंत्र कराने तक सीमित नहीं था इसमें नैतिकता भी शामिल थी। उन्होंने कहा कि गांधी जी का पूरा आंदोलन सत्य और अहिंसा पर आधारित था। गांधी जी का कहना था कि जिसके पास शक्ति होती है वही व्यक्ति अहिंसा के मार्ग पर चल सकता है। उन्होंने कहा कि अपने शरीर और मस्तिष्क को समर्थ बनाकर ही हम अहिंसा का सही अर्थ समझ सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि गांधीजी का कहना था कि व्यक्ति की लालसा कभी पूर्ण नहीं होती, अपनी लालसाओं को कम करके ही हम देश के लिए कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी इस अवसर पर प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक मात्र ऐसे पुरूष हैं जिनकी विचारधारा का पालन करने वाले व्यक्ति पूरे विश्व में हैं। 
 
कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी रामनरेश पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्राचार्य डाइट श्याम नारायण शर्मा ने आभार व्यक्त किया। इसके पहले सभी अतिथियों ने मध्य निषेध सप्ताह जो 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक जारी रहेगा के उपलक्ष्य में नशा मुक्ति जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
 
कार्यक्रम में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी कुमार त्रिपाठी, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, उप संचालक सतीश निगम, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रामलला शुक्ला सहित अन्य प्राध्यापकगण अधिकारी, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भूख से तड़पते भाइयों के लिए मासूम बहन ने दानपेटी से चुराए थे 250 रुपए, अब बदली किस्मत