Meerut UP News : एनसीआर क्षेत्र में अगर आप गाड़ी में डीजल पेट्रोल भरवा रहे हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यहां चंद पैसों के लालच में मिलावटी तेल का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण एक बार फिर से मेरठ जिले में देखने को मिला है। पुलिस को आज एक बड़ी कामयाबी उस समय मिली है, जब उसने अवैध पेट्रोल-डीजल गोदाम में छापेमारी करते हुए मौके से 6 आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
यह लोग बड़े शातिराना अंदाज में पेट्रोल-डीजल में मिलावट करके ओरिजनल तेल टैंकर से पेट्रोल पंप पर सप्लाई पहुंचाते थे। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 35 हजार लीटर तेल बरामद किया है, जिसमें 12 हजार लीटर पेट्रोल और 23 हजार लीटर मिलावटी तेल है।
मेरठ पुलिस को एक गोपनीय जानकारी मिली थी कि थाना परतापुर के गेंझा गांव में मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थ तैयार होकर NCR में सप्लाई हो रहा है। इस जानकारी पर मेरठ एसएसपी विपिन ताड़ा ने एसपी आयुष विक्रम सिंह के नेतृत्व में छापेमारी टीम बनाई।
इसी कड़ी में बुधवार को डिप्टी गेंझा गांव पहुंचे तो गोदाम में हड़कंप मच गया। आरोपियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की घेराबंदी के चलते वह भाग नहीं सके। पुलिस ने मौके से गोदाम मालिक समेत 5 लोगों को हिरासत में लिया है।
एसएसपी और एसपी सिटी ने आरोपियों से पूछताछ कि तो उन्होंने बताया कि मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थ बनाने की फैक्टरीHPCL के डिपो के कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा थी। कंपनी से निकला तेल का ओरिजनल टैंकर चालक रास्ते में लगे GPS को बंद कर देने के बाद भीड़भाड़ वाली जगह, बाजार में घुमाता और फिर बाद में वह नकली तेल गोदाम में लाकर खड़ा कर देता था। 20 हजार लीटर के टैंकर से 4 हजार लीटर डीजल-पेट्रोल चोरी करके हाइड्रोकार्बन सॉल्वेंट मिलाया जाता था।
मिलावटी तेल तैयार होने के बाद ओरिजनल टैंकर से एनसीआर के पेट्रोल पंपों पर सप्लाई के लिए भेजा जाता था। मिलावटी तेल ओरिजनल टैंकर से सप्लाई किया जा रहा था, इस अवैध कारोबार से प्रतिदिन लगभग पांच लाख रुपए की कमाई हो रही है। पुलिस ने फैक्टरी मालिक मनीष सहित 6 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद अब उन्हें जल्दी ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।
परतापुर थाना क्षेत्र स्थित मिलावटी तेल गोदाम के अंदर पुलिस को जमीन के नीचे एक कैंटर भी मिला, जिसमें पाइपों और मोटर के जरिए ड्रमों को भरा जाता था। फिर उसमें मिलावट करके पंपों पर सप्लाई होती थी। पुलिस अब इन आरोपियों से पूछताछ करके नेटवर्क खंगाल रही है कि कौन लोग इसमें शामिल है, कहां-कहां नकली डीजल-पेट्रोल की सप्लाई होती है।