नई दिल्ली। शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इससे पहले फडणवीस ने कहा था कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे।
महाराष्ट्र के राजभवन में आयोजित शपथ समारोह में शिंदे ने मुख्यमंत्री एवं फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बाकी मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। शिंदे और फडणवीस ने मराठी में शपथ ली।
सार्वजनिक रूप से एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने की बात कहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस अब महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम की भूमिका में नजर आएंगे। फडणवीस अमित शाह के मनाने पर डिप्टी सीएम बनने को राजी हुए हैं।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शाम साढ़े सात बजे के बाद दक्षिण मुंबई स्थित राजभवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई। शिंदे ने इस दौरान दिवंगत शिवसेना नेताओं-बाल ठाकरे और आनंद दिघे को श्रद्धांजलि दी। उनकी शपथ पूरी होते ही उनके समर्थकों ने ठाकरे और दिघे की प्रशंसा में नारे लगाए।
फडणवीस ने उस समय सबको चौंका दिया जब उन्होंने घोषणा की कि शिंदे अगले मुख्यमंत्री होंगे। उनकी घोषणा ने इन उम्मीदों को खारिज कर दिया कि वे शिंदे गुट के समर्थन से मुख्यमंत्री पद पर वापसी करेंगे। शिंदे ने समारोह के बाद कहा कि राज्य का विकास मेरी प्राथमिकता है। मैं समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलूंगा।
हालांकि फडणवीस मुख्यमंत्री नहीं बनने से नाखुश बताए जा रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके चेहरे पर नाखुशी साफ नजर आ रही थी। बताया जा रहा है गृहमंत्री अमित शाह के दबाव में वे इस पद को लेने के लिए राजी हुए हैं।
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर फडणवीस जी ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र राज्य और जनता के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवाभाव का परिचायक है। इसके लिए मैं उन्होंने हृदय से बधाई देता हूं।
क्या कहा था नड्डा ने : इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाया है, अब उन्हें सरकार में शामिल होना चाहिए। हम चाहते हैं कि फडणवीस डिप्टी सीएम बनें। बताया जा रहा है कि फडणवीस को 2 दिन पहले ही बता दिया था कि मुख्यमंत्री वे नहीं बल्कि एकनाथ शिंदे होंगे।