मुंबई। महाराष्ट्र में शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार तो बना ली, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच बयानबाजी थम नहीं रही है। एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के नेताओं को 'देशद्रोही' कहे जाने पर उद्धव ठाकरे पर एक बार फिर तीखा हमला हमला बोला है। उद्धव ठाकरे के परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए शिंदे ने कहा कि अगर उन्होंने बोलना शुरू किया तो भूकंप आ जाएगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए शनिवार को कहा कि यदि उन्होंने (शिंदे ने) बोला तो भूकंप आ जाएगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के ठाकरे के फैसले पर सवाल उठाते हुए शिंदे ने यह भी कहा कि वे जानते हैं कि शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे के साथ क्या हुआ था।
उन्होंने दिघे का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इस बात का गवाह हूं कि धर्मवीर के साथ क्या हुआ था। शिंदे के राजनीतिक गुरु दिघे की 2002 में एक सड़क दुर्घटना के बाद मृत्यु हो गई थी। शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के बगावत करने के बाद जून में ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री ने मालेगांव में एक रैली में कहा कि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विरासत बचाने के लिए बगावत की। यदि मैंने साक्षात्कार देना शुरू किया तो भूकंप आ जाएगा...कुछ लोगों के विपरीत मैंने छुट्टियां मनाने के लिए हर साल विदेश यात्रा नहीं की। शिंदे ने उल्लेख किया कि शिवसेना के संस्थापक की पुत्रवधू स्मिता ठाकरे और उनके (बालासाहेब के) बड़े पोते निहार ठाकरे ने उनका (शिंदे का) समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को गद्दार कहा जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि आप उन्हें क्या कहेंगे जिन्होंने महज मुख्यमंत्री बनने के लिए बालासाहेब की विचारधारा से समझौता कर लिया।
शिंदे ने कहा कि आप भाजपा के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़ें और फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस तथा राकांपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। क्या यह विश्वासघात नहीं है? मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा और उनके नेतृत्व वाला शिवसेना का गुट अगले विधानसभा चुनाव में 288 सीट में 200 पर जीत दर्ज करेगा।