नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 90 लाख रुपए की धोखाधड़ी और गबन मामले में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते पर गौर करते हुए इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। अदालत ने इस शर्त पर प्राथमिकी को रद्द कर दिया कि आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों मानसून सीजन से पहले 400 पेड़ लगाएंगे।
इसके अलावा उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता आरोपी सभी दावों के पूर्ण और अंतिम निपटान के तहत शिकायतकर्ता को दो करोड़ रुपए का भुगतान करेगा। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता एक वृद्ध महिला है, जो एक समझौते के मद्देनजर मामले को खत्म करना चाहती है। उसे और साथ ही कथित अपराधी को 200-200 पेड़ लगाने और पांच साल तक उनकी देखभाल करने के लिए कहा जाता है।
यह आदेश आरोपी की याचिका पर पारित किया गया है जिसमें प्राथमिकी और सभी कार्यवाही को रद्द करने का निर्देश देने की अपील की गई थी। गत 31 मई के इस आदेश में कहा गया है, 17.01.2022 को भारतीय दंड संहिता की धारा 406/420 के तहत बाराखंभा रोड थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 12/2022 व इससे संबंधित कार्यवाही को रद्द किया जाता है।
याचिकाकर्ता और प्रतिवादी जांच अधिकारी से विचार-विमर्श करके एक स्थान निर्धारित करेंगे और वहां (मानसून सीजन से पहले) 200-200 पौधे लगाएंगे।(भाषा)