नई दिल्ली। दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने निजी विद्यालयों (Private Schools) को ट्यूशन फीस (Tuition Fees) को छोड़कर कोई अतिरिक्त शुल्क वसूलने के विरूद्ध चेतावनी दी है और उनसे स्कूल के खुलने तक फीस नहीं बढ़ाने को कहा है। सरकार ने चेतावनी दी है कि उल्लंघन करने वाले विद्यालयों को दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम एवं नियमावली, 1973 के तहत दंडित किया जाएगा।
विद्यालयों के प्राचार्यों को भेजे पत्र में शिक्षा विभाग के निदेशक उदित प्रकाश राज ने कहा कि कोविड-19 महामारी और लंबे समय से स्कूलों के बंद रहने के कारण उनका ऐसा आचरण न केवल पहले जारी किये गये निर्देशों का उल्लंघन होगा बल्कि अमानवीय भी होगा।
उन्होंने कहा, ‘ये विद्यालय न्याय और परमार्थ सोसायटी द्वारा चलाए जाते हैं, इसलिए संस्थान के संविधान के तहत उनसे परमार्थ और बिना फायदा कमाये विद्यार्थियों को शिक्षा देने की आशा की जाती है।’
उन्होंने कहा कि कुछ निजी विद्यालयों एवं उनके एसोसिएशनों से प्रतिवेदन मिले हैं, जिनमें दावा किया गया है कि चूंकि लॉकडाउन खत्म हो गया है इसलिए वे ट्यूशन फीस, वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क और अन्य निर्धारित मदों में फीस वसूल सकते हैं।
राज ने कहा, ‘यह सही नहीं है क्योंकि फिलहाल लॉकडाउन में छूट चरणबद्ध तरीके से दी जा रही है, इसलिए पूर्णरूप से लॉकडाउन हटना बाकी है, और विद्यालयों द्वारा कक्षा शिक्षण अभी शुरू करना बाकी है।’ (भाषा)