नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्य से जुड़े 47,996 कामगारों के लिए सोमवार को पांच-पांच हजार रुपए की कोविड-राहत को मंजूरी दी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कार्यालय ने एक बयान में बताया कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड को 28 मई से 18 जुलाई के बीच जिन कामगारों के आवेदन को स्वीकृति मिली है, उन्हें राहत राशि वितरित करने का निर्देश दिया गया है।
बयान के अनुसार, यह अनुदान राशि उन कामगारों के लिए है जिनके आवेदन को 28.05.2021 से 18.07.2021 के बीच स्वीकृति मिल गई है। यह राहत निर्माण कार्य से जुड़े उन कामगारों के लिए अतिरिक्त लाभ के तौर पर होगी, जिन्हें दिल्ली में कोविड संकट के कारण मुश्किल का सामना करना पड़ा।
दिल्ली सरकार ने इस साल अप्रैल में निर्माण कार्य से जुड़े 2,16,602 कामगारों को इतनी ही राशि राहत के तौर पर वितरित की थी। सिसोदिया दिल्ली सरकार में श्रममंत्री भी हैं। उन्होंने निर्माण क्षेत्र के सभी कामगारों से वर्कर्स बोर्ड में पंजीकरण कराने का अनुरोध किया ताकि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा, इससे पूर्व कामगारों को अपना आवेदन जमा करने के लिए घंटों लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे उन्हें सरकारी वेबसाइट पर जल्दी से आवेदन करने में मदद मिलती है जिससे उनकी दिहाड़ी भी नहीं छूटती है। आप नेता ने कहा कि पिछले साल मार्च में करीब 40,000 कामगारों को राहत राशि दी गई थी।
उन्होंने कहा, नवंबर 2020 में श्रम विभाग का कार्यभार संभालने के बाद हमने दिल्ली के श्रम कार्यालयों में निरीक्षण और सामूहिक पंजीकरण अभियान चलाया। सिसोदिया ने कहा, इन्हीं निरीक्षणों और पंजीकरण अभियानों के आधार पर हमने श्रम विभाग में कई सुधार किए हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि आठ महीने के भीतर निर्माण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या बढ़कर तीन लाख हो गई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन शुरू की है, जहां वे 011-41236600 नंबर पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं और 48 घंटे के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
डीसीडब्ल्यू ने कोरोना से विधवा हुईं 791 महिलाओं की पहचान कर पुनर्वास के लिए सौंपी सूची : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने कोविड-19 महामारी के कारण विधवा हो चुकीं 791 महिलाओं की पहचान की है और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है।
आयोग ने पुनर्वास प्रक्रिया में सरकार की मदद करने के लिए इन सभी महिलाओं का सामाजिक सर्वेक्षण भी किया है। डीसीडब्ल्यू द्वारा अपने महिला पंचायत नेटवर्क के जरिए जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण किया गया। पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से अपने पति को खोने वाली महिलाओं की संख्या इस सूची में दर्ज की गई है।
दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना शुरू की है, जिसके तहत उन लोगों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी, जिन्होंने कोरोनावायरस के कारण परिवार के किसी सदस्य को खो दिया। अगर व्यक्ति परिवार का अकेला कमाने वाला था तो इस योजना के तहत प्रति माह 2,500 रुपए अतिरिक्त पेंशन का भी प्रावधान किया गया है।
डीसीडब्ल्यू द्वारा किए गए सामाजिक सर्वेक्षण से चिन्हित महिलाओं की इस योजना तक पहुंच बढ़ेगी। आयोग अब भी महिलाओं की पहचान कर रहा है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान विधवा हो गई थीं और सरकार को अतिरिक्त सूची सौंपेगी। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 774 (791 महिलाओं में से 97.85 फीसदी) को कम से कम एक बच्चा है जबकि 360 महिलाओं के तीन से पांच बच्चे हैं।
इसके अलावा 30 महिलाओं के पांच से अधिक बच्चे हैं। चिन्हित 791 महिलाओं की सूची में से 734 यानी 92.79 प्रतिशत महिलाएं 18-60 वर्ष की आयु वर्ग में हैं, जबकि शेष वरिष्ठ नागरिक हैं। करीब 191 महिलाएं 18-35 आयु वर्ग में आती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 791 महिलाओं में से 721 गृहिणियां हैं, जबकि बाकी घरेलू कामगार, मजदूर, छोटे व्यवसाय की मालिक और निजी और सरकारी कर्मचारियों के रूप में काम करती हैं। करीब 28.57 प्रतिशत महिलाओं के पास आय का कोई स्रोत नहीं है, जबकि लगभग 60 प्रतिशत महिलाओं की मासिक आय 15,000 रुपए से कम है। यह भी पाया गया कि सर्वेक्षण की तारीख तक 597 महिलाओं का टीकाकरण नहीं किया गया था।
डीसीडब्ल्यू ने कहा, आयोग का मानना है कि प्राथमिकता के आधार पर इन महिलाओं का टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है। आयोग ने सरकार से इन महिलाओं का टीकाकरण कराने के लिए जिलाधिकारियों को आदेश जारी करने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा कि दिल्ली सरकार की यह योजना इन महिलाओं के पुनर्वास के लिए बहुत उपयोगी होगी और इसका लाभ उन्हें मिलेगा।
डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, हमने अपनी महिला पंचायत टीम को घर-घर जाकर उन महिलाओं की पहचान करने के लिए कहा, जो विधवा हो गईं और ऐसी 791 महिलाओं की पहचान की गई। हम सरकार को एक विस्तृत सामाजिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भेज रहे हैं, ताकि इन महिलाओं को योजना का लाभ मिल सके।
साथ ही, इन महिलाओं का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाना चाहिए। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 651 बच्चों ने अपनी मां को खो दिया और 1,311 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया।(भाषा)