नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी के उपभोक्तओं को 1 अक्टूबर से बिजली सब्सिडी योजना के चयन का विकल्प देने का गुरुवार को फैसला किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नागरिकों ने उन्हें सलाह दी है कि आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों को उपलब्ध कराई जा रही बिजली सब्सिडी का इस्तेमाल राजधानी के विद्यालयों और अस्पतालों को उन्नत बनाने में किया जाना चाहिए। दिल्ली के उपभोक्ताओं को वर्तमान में 200 यूनिट तक कोई बिल नहीं भरना होता है जबकि प्रतिमाह 201 से 400 यूनिट बिजली की खपत पर 800 रुपए की सब्सिडी मिलती है।
केजरीवाल ने कहा कि लोगों से सब्सिडी या गैर-सब्सिडी वाली बिजली के विकल्प के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। दिल्ली सरकार ने सब्सिडी योजना के तहत 2022-23 में 3,250 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। वर्ष 2020-21 में सरकार ने इस सब्सिडी योजना के लिए 3,090 करोड़ रुपए दिए थे।
उन्होंने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार अब लोगों से पूछेगी कि क्या वे बिजली पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं? 1 अक्टूबर से केवल उन उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो इस विकल्प को चुनते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार को पत्रों के जरिए और हम लोगों के साथ हुई व्यक्तिगत बातचीत के दौरान कई मशविरे मिले हैं जिसमें कहा गया है कि आर्थिक रूप से मजबूत नागरिकों और परिवारों को ऐसी सब्सिडी की जरूरत नहीं है।