राजस्थान के कोटा में एक अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। खबरों के अनुसार कोटा के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु जेके लोन अस्पताल में पिछले 2 दिन में 10 बच्चों की मौत हो गई। ये सभी बच्चे एनआईसीयू में भर्ती थे। खबरों के अनुसार अस्पताल में महीनेभर में 75 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई।
जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर बेरवा के मुताबिक 3-4 बच्चों की मौत एक एवरेज है, पूरे वर्ष में बच्चों की मृत्यु को देखा जाए तो यह और सालों की अपेक्षा इस महीने में कम मौतें हुई हैं।
बैरवा के मुताबिक जिन 10 बच्चों की मौत हुई है, उसमें 5 न्यू बोर्न बेबी हैं, जिनको जन्म लेते ही परेशानी हो गई थी। 5 बड़े बच्चे हैं। इनमें 3 बच्चे दूसरे निजी अस्पतालों से रेफर होकर आए थे। जेके लोन अस्पताल कोटा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने की वजह से यहां पर आसपास के जिलों के मध्यप्रदेश तक बच्चे इसमें आते हैं।
इस मामले को लेकर भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है। कोटा से सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चिंता जताते हुए ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार इस मामले में फौरन कार्रवाई करे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने राहुल गांधी पर 10 बच्चों की मौत पर तंज कसते प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है जबकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी इस मामले में सरकार पर सवाल उठाए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है।
यूडीएच मंत्री शाति धारीवाल ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि बच्चों के उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य बाल आयोग संरक्षण आयोग ने भी इसे गंभीर माना है। आयोग ने मामले में जिला कलेक्टर को जांच करवाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने का गैरजिम्मेदाराना बयान : सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि देश के हर अस्पताल में रोज मौत होती है।