दार्जीलिंग (पश्चिम बंगाल)। गोरखालैंड लिबरेशन आर्मी (जीएलए) ने दार्जीलिंग के मिरिक उपमंडल के लोक निर्माण विभाग के बंगले के द्वार के निकट गुरुवार रात हुए आईईडी धमाके की जिम्मेदारी ली है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा घोषित अनिश्चितकालीन बंद के बाद से पर्वतीय क्षेत्र में गुरुवार को पहली बार जीएलए के पोस्टर भी सामने आए। अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर गुरुवार को बंद का 85वां दिन था।
पर्वतीय क्षेत्र के मिरिक और कुर्सियांग उपमंडल में दुकानें एवं बाजार खोले जाने के 2 दिन बाद यह घटना हुई। मिरिक में सुबह कुछ दुकानें खुलीं लेकिन दोपहर तक बंद हो गईं। जीएलए ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली है और राजनीतिक पार्टियों के गोरखालैंड से कुछ भी कम पर सहमत होने की स्थिति में सशस्त संघर्ष की चेतावनी भी दी।
जीएलए के पोस्टर भी मिरिक में घरों और दुकानों पर दिखाई दिए जिसमें लिखा था- 'गोरखालैंड विरोधी होशियार।' जीएलए के पोस्टरों में लिखा था कि अलग राज्य के सपने को हासिल करने के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। पोस्टरों में यह भी दावा किया गया है कि संगठन किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबद्ध नहीं है।
दार्जीलिंग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मनोज वर्मा ने बताया कि पोस्टर नेपाली में हाथ से लिखे हुए थे। उन्होंने दावा किया कि जीएलए मिरिक में गुरुवार रात हुए विस्फोट के लिए जिम्मेदार है। इस बीच जीजेएम के फरार सुप्रीमो विमल गुरुंग ने गुरुवार को एक अज्ञात स्थान से अपनी ऑडियो क्लिप जारी की।
गुरुंग ने ऑडियो क्लिप में कहा कि यदि गोरखालैंड के मुद्दे पर विचार-विमर्श नहीं किया गया तो जीजेएम 12 सितंबर को राज्य सरकार के साथ होने वाली वार्ता में भाग नहीं लेगा। हमने अपनी मांगों के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री के साथ वार्ता करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली भेजा है। (भाषा)