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एक करोड़ सैलरी लेने वाली ‘बेरोजगार’ अनामिका शुक्ला कैसे बनी शिक्षा माफियाओं का शिकार,पढ़ें इनसाइड स्टोरी

यूपी सरकार अनामिका शुक्ला से मांगे माफी : प्रियंका गांधी

हमें फॉलो करें एक करोड़ सैलरी लेने वाली ‘बेरोजगार’ अनामिका शुक्ला कैसे बनी शिक्षा माफियाओं का शिकार,पढ़ें इनसाइड स्टोरी
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विकास सिंह

, बुधवार, 10 जून 2020 (14:17 IST)
उत्तरप्रदेश में 25 अलग-अलग कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में एक साथ नौकरी कर एक करोड़ से अधिक सैलरी लेकर चर्चा में आई अनामिका शुक्ला असल में बेरोजगार है। मंगलवार को गोंडा जिले में बीएसए दफ्तर अपने बेगुनाही का सबूत लेकर पहुंची अनामिका शुक्ला ने अफसरों के समाने जो व्यथा सुनाई उनके उत्तर प्रदेश के शिक्षा माफियाओं के गोरखधंधे का भंडाफोड़ दिया। 
 
गोंडा जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति के सामने पेश हुई असली अनामिका शुक्ला ने आरोप लगाया है कि उनके शिक्षा संबंधी दस्तावेजों के साथ अलग-अलग जिलों में कई लोगों ने हेराफेरी कर पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। 
 
अनामिका शुक्ला ने बीएसए के सामने जो शिकायत दर्ज कराई है कि उसके मुताबिक साल 2017 में उन्होंने  5 जिलों, जौनपुर, मीर्जापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर और बस्ती में विज्ञान शिक्षिका के पद के लिए आवेदन किया था लेकिन निजी कारणों से कॉउंसलिंग के लिए नही पहुँच पाई थी। 
 
अनामिका कैसे हुई शिक्षा माफियाओं का शिकार - अनामिका ने जो शिकायकत पत्र जिला शिक्षा अधिकारी को  दिया  है उसके मुताबिक उन्होंने अपने प्रमाणपत्र और दस्तावेज इन जिलों में भेज दिए थे, किंतु नौकरी नही करने की स्थिति में वापस नही मंगाए। अनामिका की इसी गलती का फायदा शिक्षा माफियाओं ने उठाया और पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दे दिया।

दरअसल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में शिक्षिकों की नियुक्ति संविदा पर होती है और इसके लिए जिला स्तर पर काउंसलिंग कराई जाती है जिसमें उम्मीदवारों को वेरिफिकेशन के लिए अपनी शैक्षाणिक योग्यता के दस्तावेज जमा कराने होते है। ये पूरी चयन प्रकिया मेरिट के आधार पर होती है और अच्छी मेरिट वाले उम्मीदवारों का सिलेक्शन हो जाता है।  
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पहली नजर में शिक्षा माफियाओं का शिकार बनी अनामिका शुक्ला हाईस्कूल से लेकर स्नातक और बीएड की परीक्षा तक वह टॉपर रहीं हैं। अच्छे नंबरों वाले सर्टिफिकेटों ने ही शिक्षा माफियाओं को मौका दिया और उनके प्रमाणपत्रों के आधार पर जाली दस्तावेज बना कर, विभिन्न जिलों में अलग अलग लोग अनामिका शुक्ला बन कर नौकरी करने लग गए, जबकि असली अनामिका  बेरोजगार हैं। 
 
गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति कहते हैं कि अनामिका की ओर से जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये गए उसके आधार पर यही लगता है कि अनामिका शुक्ला विवाहित और घरेलू महिला हैं जो कहीं भी किसी तरह के रोजगार में लिप्त नहीं है। उनके आरोपों और शिकायत को संज्ञान में लेते हुए एफआईआर दर्ज करवा दी गईं हैं। वह कहते हैं कि पूरे प्रमाण पत्र को स्क्रैन करके फोटो बदल फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार किए है।
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प्रियंका के निशाने पर सरकार - वहीं  पूरे मामले लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी योगी सरकार पर हमलावर हो गई है। प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी सरकार को अनामिका शुक्ला के घर जाकर उनके पूरे परिवार से माफी मांगनी चाहिए। गरीबी की पीड़ा झेल रही अनामिका शुक्ला को पता भी नहीं था उसके नाम पर ये चल रहा है। यूपी सरकार और उनके शिक्षा विभाग की नाक के नीचे चल रही लूट की व्यवस्था ने एक साधारम महिला को अपना शिकार बनाया। ये चौपट राज की हद है।

सफाई देने में जुटे बड़े अफसर और मंत्री -  पूरे फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद स्कूली शिक्षा के डीजी विजय करन आनंद भरोसा दिलाते हुए कहते हैं कि अनामिका के स्टेटमेंट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही वास्तविक अपराधी पकड़े जायेंगे। वह कहते हैं कि पूरे मामले के संज्ञान में आते ही उन्होंने खुद 11 मार्च को विभिन्न जनपदों के सहायक शिक्षा निदेशकों को इसकी सूचना दी थी और कहा था कि शीघ्रता से इसकी जांच की जाए किंतु लॉक डाउन की वजह से जांच पूरी न हो सकी थी.
 
प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के मुताबिक कुल 9 जिलों में फर्जी अनामिका शुक्ला चिन्हित की गई हैं। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही इस तरह के फर्जीवाड़े उजागर हो पाए हैं.
 
 

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