हिमालयी पेड़ से खत्म होगा Corona, जानिए क्या है इसका नाम...

Webdunia
सोमवार, 17 जनवरी 2022 (22:29 IST)
वैज्ञानिकों ने बुरांश पेड़ के फूलों की पंखुड़ियों में ऐसे फाइटोकेमिकल्स की पहचान की है, जो शरीर में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड 19 के वायरस को रोकने में सक्षम होगा। हालां‍कि इसकी पंखुड़ियों का सेवन स्थानीय आबादी स्वास्थ्य संबंधी कई लाभों के लिए विभिन्न रूपों में करती है।

खबरों के अनुसार, आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी), नई दिल्ली के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर बुरांश के रसायनों के अर्क का वैज्ञानिक परीक्षण किया है। इस टीम ने हिमालयी बुरांश की पंखुड़ियों में इन रसायनों का पता लगाया है।

आईसीजीईबी के वैज्ञानिक डॉ. रंजन नंदा ने कहा, हमने इस बुरांश की पंखुड़ियों के रसायनों की जांच की है और इसे कोविड वायरस के खिलाफ काफी हद तक कारगर पाया गया है। बुरांश की पंखुड़ियों को गर्म पानी में रखने पर निकले इसके अर्क में क्विनिक एसिड और अन्य उत्पाद भरपूर पाए गए।

गौरतलब है कि इन फूलों को विभिन्न जिलों में आमतौर पर बुरांश, ब्रास, बुरस या बराह के फूल के नाम से जाना जाता है। इससे कई लोकल उत्पाद तैयार होते हैं, जिसमें स्क्वेश, जैम आदि शामिल हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मोहन भागवत के बयान पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले- RSS और मुसलमान समंदर के 2 किनारे हैं जो...

Operation Sindoor से Pakistan में कैसे मची थी तबाही, सामने आया नया वीडियो

लश्कर का खूंखार आतंकी सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में ढेर, भारत में हुए 3 बड़े आतंकी हमलों में था शामिल

दरवाजे पर बारात और दुल्हन ने दुनिया को कहा अलविदा, झोलाछाप डॉक्टर के कारण मातम में बदली खुशियां

हिमाचल में साइबर हैकरों ने की 11.55 करोड़ की ठगी, सहकारी बैंक के सर्वर को हैक कर निकाले रुपए

सभी देखें

नवीनतम

चीन भी गई थी YouTuber Jyoti Malhotra, भारत-पाक तनाव के दौरान ISI अधिकारियों के संपर्क में थी, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

UP : गोंडा में डूबने से 3 बच्चों की मौत, खेत में बने पोखर में गए थे नहाने

अमेरिका जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या

इंदौर के राजवाड़ा में होगी मंत्रिपरिषद की बैठक : मोहन यादव

Kannauj : दरवाजे पर बारात और दुल्हन ने दुनिया को कहा अलविदा, झोलाछाप डॉक्टर के कारण मातम में बदली खुशियां

अगला लेख