उत्तराखंड सरकार का फैसला, कावड़ियों को हरिद्वार की सीमा में नहीं करने दिया जाएगा प्रवेश, योगी बोले- प्रोटोकॉल के साथ होगी कावड़ यात्रा

KavadMela
हिमा अग्रवाल
बुधवार, 14 जुलाई 2021 (23:47 IST)
देश की सबसे बड़ी धार्मिक कावड़ यात्रा कोरोना के चलते उत्तराखंड सरकार ने स्थगित कर दिया है। किसी भी सूरत में शिवभक्त कावड़ियों को गंगा जल लेने के हरिद्वार की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जैसे ही कावड़ यात्रा पर रोक लगाई तो स्थानीय जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है। हरिद्वार जिलाधिकारी रविशंकर का कहना है कि सरकार ने कावड़ यात्रा स्थगित करने का जो फैसला लिया है, उसको पूरी तरह से इम्प्लीमेंट किया जाएगा।

ALSO READ: कावड़ यात्रा 2021: जानिए इस यात्रा का इतिहास, कौन थे पहले कावड़िया
 
इसके लिए हरिद्वार से सटे सभी बॉर्डर पर पुलिस चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं और साथ ही आसपास के सभी जिलों के पुलिस कप्तान और जिलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही हरिद्वार के बॉर्डर पर निगरानी और सख्ती की जाए। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि डाक विभाग के जरिए भी गंगाजल को पड़ोसी राज्यों को सप्लाई किया जाए। उन्होंने बताया कि पिछली बार की तरह इस साल भी हरिद्वार से गंगाजल टैंक में भरकर विभिन्न स्थानों और पड़ोसी राज्यों के बॉर्डर पर भेजा जाएगा।

ALSO READ: कोरोना संक्रमण के चलते क्या नहीं निकलेगी कावड़ यात्रा? जानिए कावड़ क्या है?
 
हालांकि उत्तरप्रदेश में कावड़ यात्रा स्थगित नहीं की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 को निर्देश दिए हैं कि पारंपरिक कावड़ यात्रा कोविड प्रोटोकॉल के साथ हो सकेगी। कावड़ उठाने वाले शिवभक्तों को जल लाने के लिए पहले कोविड टेस्ट करवाना होगा, नेगेटिव रिपोर्ट होने के बाद जल लाने की अनुमति होगी। एक बार में 100 लोग ही जल भर सकेंगे।

ALSO READ: कावड़ यात्रा कैसे निकलती है और क्या होती है कावड़, जानिए 7 पौराणिक बातें
 
उत्तराखंड में कावड़ियों को प्रवेश नहीं मिलता है तो यूपी के ही गढ़मुक्तेश्वर और बुलंदशहर के अहार में होगा। गढ़ से श्रद्धालु कावड़ लेकर जाएंगे और इसी तरह से अहार पर भी भीड़ बढ़ेगी। अहार में अधिकांश राजस्थान के शिवभक्त भोले आते हैं। उत्तरप्रदेश सरकार की हरी झंडी मिलते ही इन जगहों पर पूरा कंट्रोल रूम बनाकर पूरी प्लानिंग शुरू कर दी गई है। पूर्व वर्षों की तुलना में दोगुने फोर्स की तैनाती की जाएगी। यदि गढ़ और अहार से कावड़ उठेगी तो इसके लिए अलग रूट पर काम किया जा रहा है और इन रास्तों को बंद किया जाएगा।
कावड़ यात्रा पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ड्रोन कैमरों को बाहर से किराए पर लेगी। इस बार ऐसे ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की जा रही है, जो हवा में 40 से 60 मिनट तक उड़ सकते हैं। इन ड्रोन के जरिए कावड़ मार्ग के साथ मंदिरों पर निगरानी के लिए एक ही जगह पर कुछ मीटर की ऊंचाई पर फिक्स रखा जाएगा ताकि विस्तृत क्षेत्र निगरानी में रह सके। ड्रोन फुटेज कंट्रोल रूम में लाइव चलेगा, वहीं पुलिस के चेक प्वॉइंट और वॉच टावर की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
 
उत्तराखंड सरकार कोरोना के चलते कावड़ यात्रा को अनुमति नहीं दे रही हे, लेकिन वह शिवभक्तों को निराश भी नहीं करना चाहती है। इसलिए पूर्व वर्ष की भांति इस बार भी भोले के प्रति आस्थावान भक्तों के लिए डाक टैंकरों के जरिए गंगाजल भेजा जाएगा ताकि वे अपने आराध्य का जलाभिषेक कर सकें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor पर घमासान, भारतीय राजनीति में मीर जाफर और जयचंद की इंट्री

क्या है ऑपरेशन 'मीर जाफर', जिसमें हो रही है देश के गद्दारों की गिरफ्तारी, अब तक 13 गिरफ्त में

आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल, पाकिस्तानी सरकार ने दिया कट्‍टरपंथी जनरल को इनाम

Airtel और Google की partnership से ग्राहकों को फायदा, Free मिलेगी यह सुविधा

क्या है कोरोना का JN.1 वेरिएंट, भारत में कितने मामले, वायरस से देश में कितना खतरा, सरकार कितनी तैयार, किन बातों का आपको रखना होगा ध्यान

सभी देखें

नवीनतम

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

राम पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ के बाद अब अयोध्या में बनेगा भरत पथ

बदनामी छुपाने के लिए Pakistan ने भारत पर फिर लगाया आरोप

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

Bharat Biotech ने किया हैजा की Vaccine का सफल परीक्षण

अगला लेख