देहरादून। यह चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सुरक्षा से लेकर यात्रियों की सुविधाओं को लेकर पर्यटन पुलिस चौकसी ही है कि पर्यटन पुलिस ने 40 बिछड़े परिजनों से मिलाया है।
श्री बद्रीनाथ धाम में अब तक परिवार से बिछड़े 40 लोगों को पर्यटन पुलिस उनके परिजनों से मिला चुकी है। इसके साथ ही पुलिस चारों धाम में सघन चेकिंग कर संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर बनाए हुए है जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा चारधाम यात्रा मार्गों पर 1,25,352 तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। पर्यटन विभाग तथा एसडीआरएफ द्वारा बिना पूर्व पंजीकरण के उत्तराखंड पहुंचे तीर्थयात्रियों का पंजीकरण कराया जा रहा है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल, होमगार्ड, पीआरडी तथा पीएसी तैनात की गई है। किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए चारों मार्गों पर एसडीआरएफ की टोलियां भी तैनात हैं। पर्यटन विभाग की ओर से चारों धामों की धारण क्षमता के अनुरूप ही ऑनलाइन पंजीकरण किए जा रहे हैं।
जिन यात्रियों ने अनभिज्ञतावश अपनी यात्रा की टिकट बुक करा ली है और वे बिना पंजीकरण के ही दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आ चुके हैं, उनके लिए पर्यटन विभाग व एसडीआरएफ के माध्यम से तत्काल ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया संचालित की जा रही है। आईएसबीटी ऋषिकेश में पर्यटन विभाग व एसडीआरएफ द्वारा गुरुवा शाम 5 बजे तक कुल लगभग 846 ऑनलाइन पंजीकरण किए गए। किंतु यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी दशा में इस सुविधा का दुरुपयोग न हो।
8 मई से शुरू हुई श्री बद्रीनाथ यात्रा में पर्यटन पुलिस की सर्तकता से अपने परिजनों से बिछड़े हुए कुल 40 लोगों को मिलाया गया, साथ ही यमुनोत्री और गंगोत्री धामों में भी परिजनों से बिछड़े यात्रियों को मिलाने में पुलिस ने अहम भूमिका निभाई है। श्री केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर अपने परिजनों से बिछड़ी बालिका को पर्यटन पुलिस ने सोशल मीडिया की मदद से मिलाया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चारधाम यात्रा मार्गों पर 46,198 तीर्थयात्रियों को ओपीडी, 2,599 को इमरजेंसी, 123 घायल हुए तीर्थयात्रियों को उपचार उपलब्ध कराया गया जबकि 227 घायल मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया गया। 1,25,352 तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई।
उत्तराखंड जल संस्थान विभाग द्वारा सूचित किया गया कि यमुनोत्री एवं केदारनाथ पैदल मार्ग पर उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा पेयजल की किल्लत से निपटने के लिए पिलर टाइप स्टैंड पोस्ट (पीटीएसपी) और टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट (टीटीएसपी) और हैंडपंप की व्यवस्था की गई है। घोड़े-खच्चरों के पेयजल की व्यवस्था के लिए चरही (पानी टैंक) बनाई गई है। इसके साथ ही पैदल मार्ग पर बनी शौचायल में पानी की व्यवस्था सुचारु की गई है।
हेली सेवा के माध्यम से अब तक 33,432 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे जबकि 32,754 तीर्थयात्री केदारनाथ से वापस लौटे। अभी तक कुल 9 ऑपरेटरों द्वारा सिरसी, फाटा और गुप्तकाशी से 6,043 उड़ानें भरी गई हैं।