चुराचांदपुर (मणिपुर)। मणिपुर हिंसा के बीच सरकार ने बॉर्डर एरिया में अतिरिक्त कमांडो की तैनाती की है। म्यांमार की सीमा से सटे मणिपुर के मोरेह शहर में आदिवासी महिलाओं का एक वर्ग पिछले कुछ दिनों से 'अतिरिक्त' पुलिस कमांडो की तैनाती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। तेंगनोपाल जिले के कुकी बहुल शहर मोरेह से लगभग 3 किलोमीटर दूर चिकिम गांव में महिलाएं धरने पर बैठी हैं। मणिपुर इंटरनेट बैन को भी 26 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स के एक कमांडेंट और अन्य सुरक्षा अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शनकारियों के साथ कई बार बातचीत की लेकिन मुद्दे का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
'कुकी इंपी और कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी' (सीओटीयू) जैसे कई आदिवासी संगठनों ने दावा किया कि शहर में इंफाल घाटी से अधिक पुलिस कर्मियों को शामिल करने के प्रयास चल रहे हैं और इससे शांति भंग हो सकती है।
सीओटीयू ने एक बयान में कहा कि अर्द्धसैनिक बलों और भारतीय सेना की मौजूदगी और मोरेह के भीतर शांति सुनिश्चित करने के बावजूद, हेलिकॉप्टरों के माध्यम से अतिरिक्त मेइती पुलिस की तैनाती गंभीर चिंता का विषय है।
इसमें दावा किया गया कि इंफाल पूर्वी जिले में हाल के अभियानों में हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी समुदाय को बदनाम करने के लिए 'पहले से गढ़ी' गई साजिश है।
कुकी इंपी ने इंफाल-मोरेह सड़क के किनारे काकचिंग लमखाई और वांगजिंग क्षेत्रों में मेइती लोगों द्वारा कथित तौर पर स्थापित की गई चौकियों को हटाने की भी मांग की। एजेंसियां