लाहौर/करतारपुर। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित 30 लोगों के साथ गुरुवार को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन के लिए पहुंचे। वे करतारपुर गलियारे से होकर गुरुद्वारा पहुंचे। करतारपुर गलियारा, पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेवजी की जयंती के मद्देनजर दोनों देशों के बीच 3 दिन के लिए करतारपुर गलियारा खोला गया है जिसके दर्शन करने जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण यह करीब 20 महीने से बंद था।
'इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड' (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक और प्रतिनिधमंडल गुरुद्वारा दरबार साहिब पहुंचा। हाशमी ने कहा कि भारत के पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित 30 लोगों के साथ करतारपुर गलियारे से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचे।
करतारपुर परियोजना प्रबंधन इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद लतीफ ने बताया कि 'पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी' के पदाधिकारियों और आयुक्त, गुजरांवाला ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव के जन्मदिन से 1 दिन पहले यहां पहुंचे भारतीय मेहमानों का स्वागत किया। भारत से 28 सिखों का पहला जत्था बुधवार को करतारपुर गलियारे से पाकिस्तान में पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचा था। लतीफ ने कहा कि गुरुवार को 100 भारतीय श्रद्धालुओं के ऐतिहासिक गुरुद्वारे आने की उम्मीद है।
दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे। गुरुनानक जयंती पर गुरपरब 19 नवंबर को मनाया जाएगा। इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने बुधवार को अपनी ओर से करतारपुर साहिब गलियारा फिर से खोल दिया था। भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ करतारपुर गलियारा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते करतारपुर साहिब के लिए तीर्थयात्रा मार्च 2020 में स्थगित कर दी गई थी।