चंडीगढ़। आखिरकार पंजाब के मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस खत्म हुआ। चरणजीत सिंह चन्नी को प्रदेश का नया मुखिया चुना गया। उनके नाम की घोषणा ने अचानक चौंका दिया। चन्नी के नाम के ऐलान के बाद भाजपा ने उन पर निशाना साधा है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि चरणजीत चन्नी 3 साल पुराने #MeToo मामले में कार्रवाई का सामना कर चुके हैं।
चन्नी के नाम की घोषणा खुद पर्यवेक्षक हरीश रावत और अजय माकन ने की। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद देर रात अंबिका चौधरी के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात कर इस पद को लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे चल रहा था, उनके घर पर विधायकों का आना-जाना चला। हालांकि उनके नाम को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई।
कोई भी विधायक मीडिया के सामने नाम का खुलासा नहीं कर रहा था। आखिरकार रात होते-होते चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया गया। चन्नी के नाम का ऐलान कर कांग्रेस ने 5 महीने बाद होने वाले चुनाव में दलित कार्ड खेला है। पंजाब में करीब 32 फीसदी आबादी दलितों की है।
रामदासिया सिख समुदाय से आने वाले चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब विधानसभा सीट से विधायक हैं। कैप्टन की कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री रहे चन्नी का नाम विधायकों और पर्यवेक्षकों की दिनभर चली बैठक में तय किया गया। चमकौर से तीसरी बार विधायक रहे चन्नी 2015-2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले चन्नी 2007 में पहली बार चमकौर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। चरणजीत सिंह चन्नी, कैप्टन अमरिंदर सिंह के धुर विरोधी रहे हैं।
चन्नी के चुने जाने पर क्या बोले सुखजिंदर सिंह रंधावा : चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला होने के बाद इस पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वे पार्टी हाईकमान के फैसले को लेकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैं सभी विधायकों का आभारी हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया। चन्नी मेरे भाई हैं।
क्या कहा ट्वीट में : अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में कहा कि कांग्रेस के सीएम ने चरणजीत सिंह चन्नी को 3 साल पुराने #MeToo मामले में कार्रवाई का सामना करना पड़ा।