कश्‍मीर में बदलते मौसम ने कांगड़ियों की बिक्री कर दी कम

सुरेश एस डुग्गर
शनिवार, 27 जनवरी 2024 (20:42 IST)
Kangris sales reduced due to changing weather : कश्‍मीर तथा लद्दाख में कई महीनों से चल रहे बारिश और बर्फ के सूखे को थोड़ी सी बारिश और मामूली सी बर्फबारी ने हालांकि कल रात को कुछ इलाकों में तोड़ा है, पर कश्‍मीर की पहचान बन चुकी कांगड़ी अर्थात पारंपारिक अग्निपात्रों की बिक्री में फिलहाल कोई तेजी नहीं आई है। इस बार इसने गिरावट के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

इन पारंपरिक अग्निपात्रों को बनाने वाले कारीगरों के अनुसार, कश्मीर वादी में लंबे समय तक सूखे के कारण कांगड़ियों की मांग में गिरावट आई है। कांगड़ी, गर्म अंगारों से भरे पारंपरिक मिट्टी के बर्तन, कठोर सर्दियों के महीनों के दौरान कश्मीरी घरों में गर्मी देने का एक पारंपरिक स्रोत रहे हैं।

हालांकि शुष्क मौसम और हल्के तापमान ने इन पारंपरिक वार्मर्स की समग्र आवश्यकता को कम कर दिया है। स्थानीय कांगड़ी कारीगर, जो पीढ़ियों से इन विशिष्ट हीटिंग उपकरणों को तैयार कर रहे हैं, ने अपनी आजीविका पर प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मांग में कमी सीधे उनकी आय को प्रभावित करती है क्योंकि लंबे समय तक शुष्क अवधि के परिणामस्वरूप हल्के तापमान के दौरान कांगड़ियों की मांग कम हो जाती है।

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के ओके गांव में कारीगरों से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इतना लंबा सूखा कभी नहीं देखा है और इससे उनकी बिक्री प्रभावित हो रही है। कांगड़ियों की मांग में गिरावट आई है, जिससे कई लोगों को गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
ALSO READ: कश्‍मीर में बिजली की कमी से औद्योगिक उत्‍पादन न के बराबर
इस पारंपरिक शिल्प में दशकों का अनुभव रखने वाले एक कारीगर ने कहा कि उसका काम प्रभावित हुआ है, लगभग 90 फीसदीस्टॉक बिना बिके रह गया है। उन्होंने कहा कि कश्‍मीर वादी में दिन के उच्च तापमान के कारण कांगड़ी की मांग में कमी आई है क्योंकि लोग इन अंगीठियों का कम उपयोग कर रहे हैं।
ALSO READ: 'कश्‍मीर में मौत का अखरोट', 3 साल में ले ली 16 लोगों की जान
उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले के कांगड़ी विक्रेता अब्दुल रशीद का कहना था कि पिछले सीज़न में वह प्रतिदिन 30 से 40 कांगड़ी बेचते थे। हालांकि इस सीज़न में वह प्रतिदिन मुश्किल से 5 से 10 की बिक्री करते हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक सूखे के कारण कश्मीर में कांगड़ी संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
ALSO READ: Article 370 हटने के 4 साल बाद क्‍या बदला कश्‍मीर में, क्‍या है 370 और क्‍यों इसे हटाया गया था?
इतना जरूर था कि कश्‍मीर वादी तथा लद्दाख के ऊंचे इलाकों में कल रात और शुक्रवार सुबह बर्फबारी हुई। एक स्वतंत्र मौसम भविष्यवक्ता फैजान आरिफ केंग ने बताया कि आखिरी बारिश 22 दिसंबर के आसपास ऊंचे इलाकों में हुई थी।

उनके बकौल, आज की बारिश ने जम्मू-कश्मीर में पिछले 30-35 दिनों से चल रहे सूखे के दौर को खत्म कर दिया है। फैजान का कहना था कि आने वाले सात दिनों में केंद्र शासित प्रदेश के ऊंचे इलाकों और मैदानी इलाकों में अधिक बारिश होने की उम्मीद है, 28-29 जनवरी के आसपास और भी बेहतर बारिश होने की उम्मीद है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

पाकिस्तान ने पंजाब में दागी हाईस्पीड मिसाइल, जालंधर से पठानकोट तक धमाके

LIVE: भारत का पाकिस्तान पर पलटवार, 4 एयरबेसों को बनाया निशाना, आतंकी लांच पैड तबाह

पाकिस्तान ने ऐलान ए जंग कर जम्मू कश्मीर में मिसाइलों की बौछार कर दी, भारत ने 2 पायलटों को जिंदा पकड़ा

पाकिस्तान ने नष्ट नहीं की S-400 मिसाइल, JF 17 को लेकर किया था झूठा दावा

Weather Update: बारिश के बाद एक बार फिर से बढ़ेगी गर्मी, जानें दिल्ली एनसीआर समेत पूरे देश का मौसम

अगला लेख
More