नई दिल्ली। बिहार के सृजन घोटाले की जांच का जिम्मा अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास आ गया है। इस घोटाले में एक हजार करोड़ रुपए के सरकारी फंड को स्वयंसेवी संगठनों के खातों में भेजा गया था।
सीबीआई ने इस मामले में दस प्राथमीकियां दर्ज की हैं। इससे पहले मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) कर रही थी। बिहार सरकार द्वारा मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बाद उसने जांच का जिम्मा संभाल लिया।
नियमों के मुताबिक, एजेंसी राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमीकियों को नए सिरे से दर्ज करती है लेकिन वह अपनी अंतिम रिपोर्ट यानि आरोप पत्र या क्लोजर रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष देने के लिए स्वतंत्र होती है।
सूत्रों ने बताया कि प्राथमीकियां सृजन महिला विकास समिति (एनजीओ) की निदेशक मनोरमा देवी, संगठन के अन्य अधिकारियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि एजेंसी को केंद्र सरकार की ओर से जांच का जिम्मा संभालने के निर्देश प्राप्त हुए हैं और उन्होंने आज बिहार सरकार से जरूरी दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं।
बिहार पुलिस ने ‘सृजन’ की सचिव प्रिया कुमार और उनके पति पर 950 करोड़ रुपए की सरकारी रकम की कथित धोखाधड़ी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
बिहार सरकार के अधिकारियों ने बताया इस साल मनोरमा देवी की मौत के बाद एनजीओ को प्रिया कुमार और मनोरमा देवी का बेटा अमित कुमार चला रहे थे। (भाषा)