मणिपुर में लापता हुए 3 लोगों के मिले शव, लकड़ी लेने गए थे जंगल

पहाड़ियों पर लकड़ी लेने गए थे 4 लोग

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 11 जनवरी 2024 (17:22 IST)
  • चौथे व्यक्ति के लिए चल रहा तलाशी अभियान  
  • जंगल में लापता हो गए थे 4 लोग
  • उग्रवादियों पर हत्‍या का संदेह
Bodies of 3 missing people found in Manipur : मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में गुरुवार को 3 लोगों के शव मिले जो जंगल में जलावन के लिए लकड़ी चुनने गए थे और उसी दौरान लापता हो गए थे। बिष्णुपुर जिले के अकासोई के रहने वाले 4 लोग बुधवार दोपहर को लापता हो गए थे। वे चुराचांदपुर में पास की पहाड़ियों पर जलाने के लिए लकड़ी एकत्रित करने गए थे। चौथे व्यक्ति का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
 
पुलिस ने यह जानकारी दी। बिष्णुपुर जिले के अकासोई के रहने वाले चार लोग बुधवार दोपहर को लापता हो गए थे। वे चुराचांदपुर में पास की पहाड़ियों पर जलाने के लिए लकड़ी एकत्रित करने गए थे। पुलिस ने बताया कि इबोम्चा सिंह (51) और उनके बेटे आनंद सिंह(20) तथा रोमेन सिंह (38) के शव हाओतक फेलेन के पास पाए गए।
 
उसने बताया कि चौथे व्यक्ति दारा सिंह का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, संदेह है कि इन लोगों की हत्या उग्रवादियों ने की होगी। इस मामले में केंद्रीय बलों से मदद मांगी गई है।
 
अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले के हाओतक गांव में गोलीबारी और बम हमले किए, जिनके चलते 100 से अधिक महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित क्षेत्रों की ओर चले गए।
 
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे और जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलावरों को गोलीबारी बंद करने पर मजबूर कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि रुक-रुक कर गोलीबारी अब भी जारी है। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
 
बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जब्त : पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों ने चुराचांदपुर में नौ जनवरी को एक कार्बाइन, नौ मिमी देसी पिस्तौल, सिंगल बैरल वाली पांच बंदूक, आठ एचई-36 हथगोले, छह आंसू गैस के गोले तथा गोला-बारूद आदि जब्त किया।
 
पुलिस ने बताया कि तेंगनौपाल जिले में छह जनवरी को चार एचई-36 हथगोले, एक खराब एके-56 राइफल, पांच देसी बन्दूकें, पांच देसी बम, चार आईईडी, एक देशी मोर्टार और एके-56 राइफल का गोला-बारूद मिला। हथियारों और गोला-बारूद की तलाश में इंफाल पश्चिम, काकचिंग, बिष्णुपुर, थौबल, इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर जिलों के संवेदनशील इलाकों में तलाश अभियान जारी है।
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मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा का सामना कर रहा है और जिसमें अब तक 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मैतेई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया, जिसके बाद तीन मई को हिंसा भड़क उठी थी।
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मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत हैं और ये मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।(इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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