जम्मू। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (mehbooba mufti) के तिरंगे को लेकर दिए हुए बयान के बाद मचे हुए बवाल के दौर से कश्मीर गुजर रहा है।
आज तड़के भाजपा के कुपवाड़ा के रहने वाले कुछ कार्यकर्ताओं ने लाल चौक में तिरंगा फहराने की कोशिश की। हालांकि ये कार्यकर्ता गिनती में थे तो 2-4 पर वे कामयाब नहीं हो पाए। उन्हें ऐसा करने से रोका था कश्मीर पुलिस के जवानों ने। हालांकि पुलिस अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए थे कि क्या आज भी लाल चौक में तिरंगा फहराना या लहराना अपराध की श्रेणी में आता है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को लाल चौक में तिरंगा फहराने से रोकने के वीडियो, फोटो और खबरें सोशल मीडिया पर धूम मचा रही हैं। यूजर्स पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी उठा रहे हैं और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस ने बकायदा 3 भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है और अगर सूत्रों की मानें तो उन पर शांति भंग करने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न फिर से यह उठ रहा था कि लाल चौक में तिरंगा फहराने व भारत माता की जय के नारे लगाने से कौन-सी शांति भंग हो रही थी?
इसे भूला नहीं जा सकता कि लाल चौक में तिरंगा फहराने की मुहिम वर्ष 1992 में भाजपा नेता मुरलीमनोहर जोशी ने आरंभ की थी, जो आज भी जारी है। यह अब जम्मू तक पहुंच चुकी है जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पीडीपी के जम्मू ऑफिस में तिरंगा फहराने की कोशिश की है।
उन्होंने यह कोशिश उस समय की जब पीडीपी प्रमुख महबूबा ने यह बयान दिया था कि जब तक राज्य के झंडे की वापसी नहीं होती, कश्मीर में कोई भी तिरंगे को हाथ नहीं लगाएगा। ऐसे में पहले ही पीडीपी के बयान से प्रदेश में बवाल मचा हुआ था और अब पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को लाल चौक में तिरंगा फहराने की कवायद से रोक खलबली मचा दी है।