पटना। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए मुकाबला बराबरी का रहा क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार को क्रमश: मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों को बरकरार रखा।
इस साल अगस्त में हुई राजनीतिक उथल-पुथल में राजद नीत महागठबंधन के सत्ता में आने और भाजपा के बाहर होने के बाद से उपचुनाव दोनों का पहला शक्ति-प्रदर्शन था। राजद का मोकामा में जीत का अंतर इस बार घट गया, वहीं पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद के गृह जिले गोपालगंज में उसे भाजपा से शिकस्त मिली।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि गोपालगंज का परिणाम दिखाता है कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन को नकार दिया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) भी शामिल है। जायसवाल ने कहा कि मोकामा में हमने तीन दशकों में पहली बार चुनाव लड़ा, लेकिन हमारे उम्मीदवार ने पिछले चुनावों में दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों से बेहतर प्रदर्शन किया।
मोकामा के विधायक अनंत कुमार सिंह (राजद) को अयोग्य करार दिए जाने और गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह (भाजपा) के निधन के कारण दोनों सीट पर उपचुनाव कराया गया। पिछले विधायकों की पत्नियों ने दोनों सीट पर अपनी-अपनी पार्टियों के लिए जीत हासिल की है।
अनंत कुमार सिंह की पत्नी नीलम देवी ने 16000 से अधिक मतों के अंतर से मोकामा सीट जीत ली। भाजपा ने सोनम देवी को मैदान में उतारा, जिन्हें दिवंगत रामविलास पासवान के परिवार के दोनों गुटों से समर्थन मिला।
पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस पहले से ही राजग में हैं और उनकी पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने उपचुनाव में अनंत सिंह की पत्नी को घेरने के लिए हरसंभव प्रयास किए। सूरजभान सिंह पूर्व में मोकामा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने भी भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था।
गोपालगंज में राजद उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता 2000 से कम मतों से हार गए। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मिलकर जीत के अंतर से दस गुना वोट हासिल किया।
परिणाम घोषित होने के बाद गुप्ता ने कहा कि मैंने फिर से मतगणना के लिए अनुरोध किया, क्योंकि वीवीपैट मशीन एक कोने में रखी हुई थीं, जो हमें मुश्किल से दिखाई दे रही थीं। मेरी अर्जी अधिकारियों द्वारा खारिज कर दी गई। मतदान के दिन अफवाह फैलाई गई थी कि मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया है, जिससे मेरी संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मैंने प्रशासन से इसकी जांच की मांग की है।
भाजपा ने निर्वाचन आयोग का रुख कर गुप्ता का नामांकन रद्द करने की मांग की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने हलफनामे में झारखंड में एक लंबित मामले के बारे में जानकारी छिपाई थी।(एजेंसियां)
Edited by : Chetan Gour