Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सुधाकर सिंह के बागी तेवर : नीतीश को चैलेंज, बोले- लालू और तेजस्वी कहेंगे तभी इस्तीफा दूंगा, CM चाहें तो बर्खास्त कर दें

हमें फॉलो करें सुधाकर सिंह के बागी तेवर : नीतीश को चैलेंज, बोले- लालू और तेजस्वी कहेंगे तभी इस्तीफा दूंगा, CM चाहें तो बर्खास्त कर दें
, गुरुवार, 15 सितम्बर 2022 (17:44 IST)
पटना। बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी कथित अवज्ञा के लिए उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं, लेकिन वे तब तक पद नहीं छोड़ेंगे जब तक कि लालू यादव और तेजस्वी यादव उन्हें नहीं कह देते।
 
सुधाकर को एक महीने पहले ही शपथ दिलाई गई थी और उन्हें प्रमुख विभाग दिया गया था, लेकिन उन्होंने कैबिनेट की बैठक से बाहर होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री को कृषि विभाग के सामने आने वाली समस्याओं को समझाने के लिए तैयार हैं।
 
उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री कैबिनेट प्रमुख होने के नाते उनसे मिलना चाहते हैं और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, तो वे निश्चित रूप से उनसे मिलेंगे। लेकिन यह भी कहा कि अभी तक उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से बैठक के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।
 
सुधाकर ने कहा कि मैंने जो कहा है, मैं उस पर कायम हूं। मैंने अपने विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है, मैं अब भी उस पर कायम हूं और मैं अपने बयान में संशोधन नहीं कर रहा हूं। लोगों ने मुझे चुना है और उनके लिए लड़ते रहेंगे। अब यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि मेरी टिप्पणी सही है या गलत।
 
उन्होंने कहा कि कैबिनेट का प्रमुख होने के नाते मुझे बर्खास्त करना या मुझे मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने के लिए कहना उनका (मुख्यमंत्री) विशेषाधिकार है, लेकिन मैं अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय पर चलूंगा।
 
सुधाकर ने स्पष्ट किया कि उनके मंत्री पद पर रहने या हटने के बारे में अंतिम निर्णय पार्टी (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा लिया जाएगा। 
 
सिंह का यह बयान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुधवार को पत्रकारों को यह बताए जाने के एक दिन बाद आया है कि उन्होंने उनसे (सुधाकर) उनकी शिकायतों के बारे में पूछने की कोशिश की थी।
 
मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान कृषि मंत्री द्वारा अपनाए गए रुख के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने बुधवार को कहा था कि मैंने उनसे (सुधाकर) उनकी शिकायतों के बारे में जानने की कोशिश की थी। जवाब देने के बजाय वह बाहर निकल गए।
 
सुधाकर ने कहा कि कैबिनेट बैठक के बाद भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि वास्तव में उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे अकेले उनके विभाग से संबंधित नहीं हैं और इसे केवल मुख्यमंत्री ही सुलझा सकते हैं, क्योंकि वह बिहार विकास मिशन के अध्यक्ष हैं ।
 
विकसित बिहार के लिए ‘बिहार विकास मिशन’ का गठन राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को मिशन मोड में लागू करने के लिया गया था। बिहार विकास मिशन को प्राथमिकताओं का निर्धारण करने, कार्यक्रमों के लक्ष्य के अनुसार उपलब्धियों की निगरानी, कृषि विकास का खाका, मिशन मानव विकास, बुनियादी ढांचा विकास और औद्योगिक प्रोत्साहन सहित अन्य कार्यक्रमों के क्रिर्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था।
 
कृषि मंत्री ने कहा कि जब राज्य सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, लेकिन उनके विभाग द्वारा संकलित आंकड़े और वर्षा रिपोर्ट एक विरोधाभासी तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश जिलों में धान के खेत सूखे हैं और कम वर्षा के कारण बड़ी दरारें बन गई हैं, लेकिन विभाग एक आंकड़ा लेकर आया है जो कुल लक्ष्य के 86 प्रतिशत में धान की रोपाई को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर बेहद अवास्तविक है और इस मुद्दे को उन्होंने उठाया है।
 
सुधाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में सूखे जैसी स्थिति से चिंतित हैं और लगभग हर दिन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है।
 
मंत्री ने कहा कि उनका विभाग अन्य विभागों की सहमति के बिना कृषि उपज के थोक बाजारों से संबंधित कानून नहीं बना सकता। सुधाकर ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री को इस दिशा में पहल करनी होगी।
 
सुधाकर ने अपने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा था कि हमें नहीं लगता कि बिहार राज्य बीज निगम के बीज को किसान अपने खेतों में लगाता है। डेढ़-दो सौ करोड़ रुपए इधर ही खा जाता है बीज निगम वाला। हमारे विभाग में कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता है। इस तरह हम चोरों के सरदार हुए। हम सरदार ही कहलाएंगे न। जब चोरी हो रही है तो हम उसके सरदार हुए। सुधाकर का यह बयान इंटरनेट पर वायरल हो जाने के कारण बिहार की नवगठित महागठबंधन सरकार की काफी फजीहत हुई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

25000 हजार का फोन सिर्फ 999 में, एक्सजेंट के साथ मिलेगा धमाकेदार डिस्काउंट