चंडीगढ़/ पंजाब। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रधान एवं सांसद भगवंत मान ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के नागरिकता संशोधन विधेयक में मुस्लिम भाईचारे के बारे में दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बादल और उनकी पत्नी केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दोगलेपन की पोल अब वे जनता के बीच खोलेंगे।
मान ने आज यहां कहा कि बादल की ओर से नागरिकता संशोधन कानून में अब मुस्लिम भाईचारे को शामिल किए जाने की मांग कोई मायने नहीं रखती, क्योंकि बादल और श्रीमती बादल ने बतौर सांसद इस कानून के समर्थन में वोट दिया है। संसद मैं उस मनहूस घड़ी का गवाह हूं जब बादल जोड़े ने उस नागरिकता संशोधन विधेयक के हक में वोट दिया था, जिसको भारतीय संविधान की मूल भावना के उलट सांप्रदायिक भावना के अंतर्गत कानूनी मान्यता दी गई और इसमें मुस्लिम भाईचारे को शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि अकाली दल ने लोकसभा और राज्यसभा में बादल तथा श्रीमती बादल को नागरिकता संशोधन विधेयक के हक में वोट देते समय मुस्लिम भाईचारे की जगह सिर्फ और सिर्फ श्रीमती बादल की कुर्सी ही याद थी। असली ताकत वोट थी, जिसको बादल जोड़े ने मुस्लिम भाईचारे के विरुद्ध इस्तेमाल किया, इसलिए अब बयानबाजी करके मगरमच्छ के आंसू बहाकर पंजाब और देश के लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता।
मान ने कहा कि अब पंजाब से लेकर दिल्ली तक बादलों की दोगली नीति नहीं चलने देंगे। पंजाब में क्या बोलते हो और क्या करते हो उसकी पोल लोकसभा में खोलूंगा और दिल्ली या संसद में क्या कहते और क्या करते हो, उसकी पोल जनता के बीच खोलूंगा।
मान ने बादल को नसीहत दी कि संचार-साधनों की क्रांति और लोगों की जागरूकता के कारण अब जुमलेबाजी और पर्दों के पीछे वाली राजनीति का अब तुरंत सच सामने आ जाता है। इसलिए अब दोगली राजनीति करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश न करो।
बादल साहब ऐसी राजनीति का उसी तरह मजाक उड़ेगा जैसे आपकी ओर से रेत माफिया के खिलाफ की बयानबाजी और 'माफिया राज' के विरुद्ध दिए जा रहे रोष धरनों का उड़ रहा है, क्योंकि राज्य में रेत माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, शराब माफिया, ड्रग माफिया, केबल माफिया समेत माफिया मॉडल के संस्थापक (बादल) खुद ही हों, जिसको लोग कभी नहीं भूल सकते।