ऐसा कौन होगा जिसने पानीपुरी के चटखारे नहीं लिए होंगे? मसालेदार पानी के साथ खाई जाने वाली पानीपुरी को देश में अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि गोलगप्पे, पानीपताशे, पुचका आदि। लेकिन गुजरात के वडोदरा शहर में लोग अब इसे नहीं खा पाएंगे, क्योंकि यहां नगर निगम ने साफ-सफाई का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
खबरों के मुताबिक, वडोदरा नगर निगम का कहना है कि बारिश के मौसम में पानीपुरी बनाने में सफाई का ख्याल नहीं रखा जाता, जिससे बीमारियां फैलती हैं, यही कारण है कि गुजरात के वडोदरा शहर में लोग अब पानीपुरी नहीं खा पाएंगे। इस मामले को लेकर वडोदरा नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने 50 ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद पानीपुरी की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शहर में पानीपुरी बनाने और बेचने वालों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस छापेमारी में तेल, सड़ा हुआ आटा, सड़े हुए आलू-चना जब्त किए जिनका इस्तेमाल पानीपुरीबनाने और बेचने में किया जा रहा था। यही कारण है कि शहर में इन दिनों लोगों को पानीपुरी के नाम से ही डर लग रहा है।
निगम द्वारा वडोदरा के हुजरात पागा, हाथीखाना, तुलसीवाडी, समा, छाणीगांव, खोडियारनगर, नवायार्ड, वारसीया नरसिंह टेकरी, सुदामा नगर जैसे इलाकों में पानीपुरी बनाने वाले 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान 4000 किलो पानीपुरी, 3500 किलो आलू-चना, 20 किलो तेल, 1200 लीटर एसिड वाला पानी जब्त किया गया।
दूषित पानीपुरी और उसके पानी से टाइफाइड, पीलिया, फूड पायजनिंग का खतरा रहता है। शहर में बिक्री पर यह रोक मानसून खत्म होने तक जारी रहेगी। जब्त किए सारे सामान को नष्ट कर दिया गया है। स्वास्थ्य की दृष्टि से शुरू किए गए इस अभियान को वडोदरा के लोगों से भी सराहना मिल रही है।