अमेठी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीतिक गलियारों में छिड़ी बहस के बीच अमेठी में मौनी बाबा मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ तीन दिनों के लिए भू-समाधि में चले गए हैं। ये उनकी 53वीं समाधि है।
जिले के बाबूगंज स्थित सगरा में बाल ब्रह्मचारी मौनी स्वामी उर्फ मौनी बाबा ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का संकल्प लेकर जमीन के 14 फ़ीट अंदर तीन दिनों के लिए समाधि ले ली है।
साधना आश्रम में रहने वाले 50 वर्षीय शिव योगी स्वामी के अनुयायियों ने मंगलवार को बताया कि बाबा ने 11 वर्ष की उम्र में वैराग्य धारण कर लिया था। भगवान शिव का दर्शन करने और राष्ट्र कल्याण की भावना को लेकर उन्होंने वर्ष 1989 में मौन धारण किया।
मौन रहकर भगवान का पूजन-अर्चन करने का सिलसिला वर्ष 2002 तक लगातार चलता रहा। उन्होंने श्रावण मास के अंतिम चरण में अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण एवं भगवान महाकाल की कृपा प्राप्त करने के लिए अन्न जल त्याग कर तप करने के उद्देश्य से समाधि ली है।
अनुयायी ने बताया कि स्वामी ने समाधि लेने की शुरुआत नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर से की थी। वहां उन्होंने 41 दिनों तक लगातार भू-समाधि ली थी। इससे खुश होकर नेपाल के महाराज वीरेन्द्र विक्रम शाह ने 11 हजार रुद्राक्ष और चांदी का मुकुट भेंट किया था। इसके बाद उन्होंने इसी मंदिर में 30 दिनों तक समाधि ली थी। इसके अतिरिक्त बाबा दिल्ली, नासिक आदि स्थानों पर समाधि ले चुके हैं।