अयोध्या बाबरी मस्जिद के पक्षकार इक़बाल अंसारी के बड़े बयान ने सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा की अयोध्या के विवादित राम जन्मभूमि व बाबरी मस्जिद मुद्दे पर जब भी चुनाव आता है राजनीति तेज हो जाती है। अगर सरकार संसद में कानून बनाती है तो हमें कोई एतराज नहीं है, लेकिन इसका झगड़ा जल्द से जल्द खत्म हो।
इतना ही नहीं इकबाल ने भाजपा की तारीफ भी कर डाली। उन्होंने कहा की हम भाजपा को कभी दोषी नहीं मानते हैं। भाजपा की सरकार ठीक चल रही है। वहीं, भाजपा के फायर ब्रांड नेता व राज्य सभा सदस्य विनय कटियार ने की इस समय राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने के सिवा कोई और फार्मूला नहीं है सरकार को चाहिए जिस तरह से सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए सरदार पटेल ने कानून बनाया था उसी प्रकार से सरकार को संसद में बिल प्रस्तुत करना चाहिए अगर बिल गिरता है तो सभी के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे कि कौन बाबर की औलाद है।
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास ने इक़बाल के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि इनके पिता की भी अंतिम समय में यही इच्छा थी, अब सरकार को जल्द से जल्द मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाना चाहिए।
धर्मसभा का विरोध शुरू : 25 नवंबर को विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित हो रही विराट धर्म सभा जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। विहिप के अतिरिक्त बजरंग दल एवं भाजपा के विधायक, सांसद सहित पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता सभा के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं और दावा किया जा रहा है कि इस धर्मसभा में दो लाख से अधिक हिन्दू एकत्रित होंगे।
दूसरी तरफ विहिप की इस धर्मसभा के विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। अपने को श्री श्री रविशंकर का प्रतिनिधि बताने वाले पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह द्वारा आयोजित की गई धर्मसभा के विरोध में गोष्ठी में हिन्दू पक्षकार महंत धर्मदास, सरयू मंदिर के महंत युगल किशोर शरण शस्त्री जैसे संतों ने हिस्सा लिया। इस गोष्ठी में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इक़बाल अंसारी भी शामिल हुए। इस मौके पर महंत धर्मदास ने कहा की विहिप द्वारा होने वाली धर्मसभा कोई धर्म संसद नहीं है। यह गलत सभा है, इससे कुछ नहीं होगा।