शिरडी। महाराष्ट्र में जारी लाउडस्पीकर विवाद के बीच मुस्लिम समुदाय की अपील सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि शिरडी के प्रसिद्ध साईं मंदिर से लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाएं। दरअसल, राज्य में चल रहे विवाद के बीच साईं मंदिर में लाउडस्पीकर बंद कर दिए गए हैं। गुरुवार सुबह साईं बाबा की काकड़ आरती लाउडस्पीकरों पर नहीं हुई।
वेबदुनिया मराठी के मुताबिक मुस्लिम समुदाय ने अहमदनगर कलेक्टर को लिखे पत्र में मांग की है कि शिरडी साईं मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाएं। पत्र में लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मस्जिद में अजान के लिए किसी स्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया गया था, लेकिन पिछले कई सालों के इतिहास में पहली बार साईंबाबा मंदिर में रात और सुबह की आरती बिना लाउडस्पीकर के हुई। यह बहुत पीड़ादायक है।
सैकड़ों साल से लहरा रहे हैं हिन्दू-मुस्लिम झंडे : मराठी में लिखे गए मुस्लिम समुदाय के पत्र में आगे कहा गया है कि हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हरे और भगवा झंडे साईं बाबा की द्वारका माई मस्जिद पर पिछली डेढ़ सदी से एक साथ फहराए जा रहे हैं। रामनवमी उत्सव के दरम्यान राम जन्म कार्यक्रम के साथ संदल का जुलूस भी होता है। इसके साथ ही हर सुबह 10 बजे साईं समाधि पर हिंदू-मुस्लिम एक साथ फूल अर्पित करते हैं।
समुदाय ने अपने लिखित बयान में कहा है कि इस कट्टरता से यहां की हिंदू-मुस्लिम एकता खराब नहीं होनी चाहिए। मुस्लिम समुदाय ने मांग की है कि इसे स्पेशल केस के तौर पर मान्यता दी जाए। इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में लाउडस्पीकर बंद न करते हुए इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए।