रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से कथित कोयला लेवी घोटाले में जारी जांच और कुछ नौकरशाहों और कारोबारियों की गिरफ्तारी के बीच छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने रविवार को इस कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया। उन्होंने चुनाव नजदीक आने का जिक्र करते हुए कहा कि वह केंद्र की तरफ से ऐसे और कदम उठाए जाने को लेकर तैयार हैं।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के लिए कोष जारी नहीं करने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना। उन्होंने कहा कि वह अपने राज्य के साथ इस तरह के अन्याय पर चुप नहीं रहेंगे।
गत 17 दिसंबर को सत्ता में चार साल पूरे करने वाले बघेल ने को दिए साक्षात्कार में कहा कि उनकी सरकार की योजनाओं का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और स्वरोजगार उत्पन्न करना है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि कई चुनावी वादे अभी पूरे किये जाने बाकी हैं।
बघेल ने कहा कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का स्वागत करते हैं, लेकिन यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित हो, तो यह गलत है। अन्य राज्यों में मैंने जब भी चुनाव प्रचार किया, केंद्रीय एजेसियों की ओर से छत्तीसगढ़ में छापेमारी की गई।
छत्तीसगढ़ में कोयला और खनन ट्रांसपोर्टरों से कथित तौर पर लेवी के रूप में धन उगाही से जुड़े धन शोधन के मामले में ईडी जांच कर रही है, जिसमें आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव सौम्य चौरसिया शामिल हैं।
बघेल ने कहा कि भाजपा की छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच अब स्वीकार्यता नहीं रही। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के सुशासन के कारण अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में नुकसान का अनुमान लगाकर भाजपा ने उनकी सरकार को बदनाम और परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लिया है, लेकिन इस तरह का काम राजनीति में नहीं किया जाना चाहिए।
राज्य विधानसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए बघेल ने कहा कि ये केंद्रीय जांच एजेंसियां आने वाले महीनों में और सक्रिय हो जाएंगी। उन्होंने दावा किया कि वह इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हैं।
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ मुखर रहे कांग्रेस के 61 वर्षीय तेजतर्रार नेता ने यह भी कहा कि उनके निजी तौर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री समेत सभी केंद्रीय मंत्रियों से अच्छे संबंध हैं।
बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने आम लोगों के हित में कृषि ऋण माफी, 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद, ग्रामीण औद्योगिक पार्क और गोबर की खरीद जैसे कई कदम उठाए हैं। भाषा