कानपुर। 5 दिनों की लंबी तलाश के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथों ढेर हुआ अमर दुबे उम्र में भले ही कम था लेकिन बिकरू गांव में गुरुवार रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर गोली चलाने में वह विकास के अन्य गुर्गों से कमतर नहीं था।
हमीरपुर के मौदहा कस्बे में बुधवार तड़के 25 हजार रुपए के इनामी अमर को एसटीएफ ने उस समय मार गिराया जब वह भागने का प्रयास कर रहा था। पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में 11वें नंबर का अपराधी अमर विकास दुबे के सबसे खास आदमियों में से एक था और घटना की रात वह विकास के साथ पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चला रहा था।
बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के साथ साए की तरह रहने वाले अमर दुबे को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि अमर दुबे के पिता संजय दुबे का कुछ दिनों पहले सड़क हादसे में निधन हो चुका है। विकास का रिश्तेदार अमर कुछ दिन पहले मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे का सगा भतीजा है। पुलिस ने दो रोज पहले उसकी मां क्षमा दुबे को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा है।
ग्रामीणों के अनुसार अमर दुबे विकास के शातिर शार्प शूटर में से एक था। वह शिवली के आसपास के गांव का रहने वाला है लेकिन कुछ वर्षों से वह बिकरू गांव में ही रह रहा था। विकास दुबे के घर से कुछ दूरी पर इसका मकान बना हुआ है। ग्रामीणों को उसके आपराधिक इतिहास के बारे में तो ज्यादा जानकारी नहीं है बशर्ते कई बार पुलिस उसे गिरफ्तार करके ले जरूर गई है।
क्षेत्रीय निवासियों के मुताबिक रंगदारी वसूलने से लेकर शराब के ठेकों से वसूली करने का काम अमर दुबे के ही जिम्मे विकास दुबे ने छोड़ रखा था कई ऐसे विकास दुबे के काम थे जिन्हें अमर दुबे करता था और विकास दुबे आंख बंद करके इस पर विश्वास करता था।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हमीरपुर में मुठभेड़ में मारा गया आरोपी अमर 25 हजार का इनामी बदमाश था और बिकरू कांड के आरोपियों में 11वें नंबर पर इसका नाम दर्ज है। घटना की रात यह विकास दुबे के साथ उसके घर पर मौजूद थे और घर की छत से पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चला रहा था।
पुलिस के अनुसार अन्य कई थानों के अंतर्गत अपराधी विकास दुबे के लिए मारपीट व रंगदारी वसूलने जैसी कार्यों को अंजाम दे चुका था, जिसके चलते उसके ऊपर चौबेपुर थाने में पांच मुकदमे भी दर्ज हैं। (वार्ता)