प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए नागरिकता संशोधन कानून प्रदर्शन के दौरान पिछले 19 दिसंबर को हिंसा के आरोपियों को होर्डिंग्स हटाने का आदेश दिया है।
लखनऊ के चार थाना क्षेत्र ठाकुरगंज, कैसरबाग, हजरतगंज और हसनगंज में अलग-अलग जगह पर एक करोड़ 57 लाख रुपए की वसूली के लिए 57 प्रदर्शनकारियों के 100 पोस्टर लगाए गए थे।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर 16 मार्च तक सभी होर्डिंग्स हटवाएं और इसकी जानकारी रजिस्ट्रार को दें। अदालत ने ने दोनों अधिकारियों को हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है।
उच्च न्यायालय ने इस मामले का खुद ही संज्ञान लिया था और कल रविवार को अवकाश के दिन भी सुनवाई की थी। सरकार का पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित कर लिया था।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किस कानून के तहत होर्डिंग्स लगाए गए हैं। यह पूरी तरह से निजता का हनन है। दूसरी ओर सरकार का कहना था कि पूरी छानबीन के बाद इन लोगों के नाम पता समेत वसूली के लिए होर्डिंग्स लगाए गए हैं। प्रदर्शन के दौरान सभी हिंसा और आगजनी में शामिल थे।