मेरठ से हिमा अग्रवाल
मेरठ। लाउडस्पीकर से मुनादी...'सावधान- टिड्डी दल कर सकता है आक्रमण...डीजे के शोर से भागेंगी टिड्डियां...ढोल नगाड़े टीन के डिब्बे थाली को भी बजाने से रफूचक्कर होगा ये खतरनाक जीव...।' टिड्डियों के संभावित हमले को लेकर आजकल पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अलर्ट किया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन जहां एक ओर खेतों में रसायन का छिड़काव करवा रहा है तो वहीं दूसरी ओर बड़े बड़े लाउडस्पीकर के माध्यम से गांव-गांव घूमकर किसानों को जागरुक भी किया जा रहा है कि वे अपने खेतों में छिड़काव तो करें ही साथ ही टिड्डियों के हमले से बचने के लिए शोर भी करें। डीजे ढोल नगाड़े टीन के डिब्बे थाली को भी बजाने से खतरनाक जीव रफूचक्कर होगा।
कृषि अधिकारियों का कहना है कि फसलों को चट करने वाले इस खतरनाक जीव से बचने का सिर्फ एक उपाय है, वो है सावधानी। कृषि अधिकारी प्रमोद सिरोही का कहना है कि प्रशासन मुस्तैद है और इस खतरनाक जीव से फसल को बचाने की सारी कवायद की जा रही है।
उनका कहना है कि टिड्डियां अगर मेरठ आ भी गई तो उसे खत्म करके ही दम लिया जाएगा। वहीं शुगर मिल की टीम भी प्रशासन की टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किसानों को जागरुक करने में जुटी है। मेरठ में एक शुगर मिल के जीएम का कहना है कि किसान ढोल नगाड़े के साथ साथ डीजे बजाकर भी टिड्डियों को भगा सकते हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान होते हुए टिड्डियों का ये दल दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। पश्चिमी उत्तरप्रदेश की बात करें तो यहां के चार जिलों को हाईअलर्ट मोड पर रखा गया। मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और सहारनपुर जिले में टिड्डियों के संभावित हमले की आशंका के मद्देनजर हाईअलर्ट है।
हालांकि मेरठ में अलर्ट नहीं है, इसके बावजूद यहां इस खतरनाक जीव से किसानों की फसल चट होने से बचाने के लिए सारे प्रबंध किए जा रहे हैं। जरुरत है कि किसान भाई प्रशासनिक टीम की बातों का ख्याल रखें और टिड्डियों के इस चक्रव्यूह से अपनी फसलों को बचाएं।