इंदौर। शहर के हीरानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली प्राइम सिटी से 10 लाख की फिरौती के लिए जिस 6 साल के बच्चे अक्षत जैन का अपहरण किया था, वह सकुशल सागर के मालथौन थाना क्षेत्र की बड़ौदिया चौकी के पास बरामद हो गया। पुलिस की नाकाबंदी के कारण मोटरसाइकल सवार अक्षत को सागर-झांसी हाईवे पर छोड़कर भाग निकले। बच्चे को सागर लाया जा रहा है।
अक्षत को ढूंढ निकालने के लिए इंदौर पुलिस युद्धस्तर पर काम कर रही थी। प्राइम सिटी में रहने वाले किराना व्यवसायी रोहित जैन के बेटे का अपहरण कर 10 लाख की फिरौती मांगी गई थी लेकिन पुलिस की गहन सक्रियता से अपहरणकर्ताओं ने पकड़े जाने के डर से बच्चे को छोड़ दिया। जैसे ही अक्षत बरामद हुआ, वैसे ही पुलिस थाने में डॉक्टर बुलाया गया जिसने कहा कि बच्चा स्वस्थ है और उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।
उल्लेखनीय है कि बच्चे के अपहरण के बाद से उसके परिजन बेहद परेशान थे। एएसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए 4 टीमें गठित की थीं। बीती रात कॉलोनी के रहवासी रातभर सो नहीं सके और पीड़ित परिवार को बच्चे के मिल जाने का दिलासा देते रहे। मां शिल्पा का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था।
जीतू पटवारी पहुंचे अक्षत के घर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर उच्च शिक्षा व खेल एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी अक्षत के घर प्राइम सिटी पहुंचे और वीडियो कॉल से परिजनों से अक्षत की बात करवाई।
मां के बगैर नहीं रहता था अक्षत : फिरौती के लिए जिस बच्चे अक्षत को अगवा किया गया था, उसकी मां शिल्पा ने खाना-पीना छोड़ दिया था। वह बार-बार यही कहकर रो पड़ती थी कि सिर्फ टी-शर्ट पहना है और ठंड में मेरे बच्चे का क्या हाल होगा? लेकिन पुलिस ने बच्चे को सागर के पास सकुशल बरामद करके उन्हें बहुत बड़ी राहत दी है। वे बार बार ईश्वर का शुक्रिया कर रहीं हैं।
रविवार की दोपहर को अगवा हुआ था बच्चा : प्राइम सिटी के रोहित जैन के पुत्र अक्षत को रविवार दोपहर में तब अगवा कर लिया था, जब वह घर के पास मैदान में खेल रहा था। दादी बुला रही है...यह कहकर मोटर बाइक पर आए दो युवकों ने उसका मुंह दबा दिया और वे साथ में ले गए। इलाके के 4 सीसीटीवी कैमरे में अपहरण करने वाले नजर आए थे। दोपहर 3 बजे बच्चे को अगवा किया गया था और 3.40 बजे 10 लाख रुपए की मांग की गई थी। शक है कि मोहल्ले से निकलने के पहले ही उन्होंने बच्चे को अगवा कर लिया होगा।
पिता किराना कारोबारी : अक्षत के पिता रोहित 20 साल से प्राइम सिटी में रहते हैं। रोहित के 2 बच्चे हैं। बड़ा बेटा 9 साल का है और छोटा बेटा अक्षत 6 साल का है। रोहित किराना कारोबारी होने के साथ जमीन के सौदे भी कराते हैं। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं रंजिश के कारण तो बच्चे को अगवा न किया गया था। कैमरे में दिख रही मोटरबाइक बिना नंबर की थी। पुलिस ने रात में पूरे शहर में सर्चिंग अभियान चलाया गया था और संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी।
क्राइम ब्रांच की टीम ने पहचान लिया था : रविवार रात को ही बच्चे को अगवा करने वालों को क्राइम ब्रांच की टीम ने पहचान लिया और उनके नाम भी सामने आ गए थे। रोहित, उनकी पत्नी शिल्पा व अन्य परिजन सहित कॉलोनी के रहवासी रातभर से नहीं सोए और अपने स्तर पर बच्चे को ढूंढने का प्रयास करते रहे। नानी रोते हुए बोलीं थी कि कि हमारा अक्षत फूल सा है और वो सकुशल वापस आ जाए।
हर किसी ने अपने स्तर पर किए प्रयास : अक्षत के अपहरण के बाद कॉलोनी में किसी ने अक्षत के कपड़े दबवाए हैं तो कोई देवी-देवता का पाठ कर रहा था। रहवासियों ने बताया कि अक्षत मिलनसार किस्म का है और अधिकांश रहवासियों के घर चला जाता था। उसके चंचल स्वभाव का अपहरणकर्ताओं ने फायदा उठाया। कॉलोनी में कोई 400 घर हैं और इनमें से अधिकतर जैन समाज के हैं।
डीआईजी हरिनारायणजी को नहीं किया रिलीव : दूसरी ओर डीआईजी हरिनारायणजी मिश्र रविवार को रिलीव होने वाले थे लेकिन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वरुण कपूर ने अक्षत के अपहरण की गुत्थी सुलझाने के लिए उनको रोक लिया था और आखिरकार उन्होंने अपहरण की गुत्थी सुलझाकर ही दम लिया।