लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि जो सरकार प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं करा पा रही है, वह प्रदेश को क्या चलाएगी? इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर पलटवार किया।
यादव ने रविवार को ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने बिना नए चुनाव कराए 'ग्राम पंचायतें' भंग कर दी हैं। बड़े-बड़े चुनाव तो हो रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में जनप्रतिनिधित्व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अपने को अक्षम बता रही है, ऐसी सरकार उत्तर प्रदेश क्या चलाएगी।
यादव ने कहा, भाजपा लोकतंत्र की बुनियाद पर चोट न करे। इस संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश प्रभारी बनाए गए विजय बहादुर पाठक ने कहा, अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहे हैं और वह जानते हैं कि तय समय पर चुनाव होने चाहिए, लेकिन उन्हें यह भी जानना चाहिए कि कोविड प्रोटोकॉल के चलते चुनाव में देरी हो रही है।
पाठक ने कहा, सरकार छह माह के भीतर चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और उसकी तैयारी भी चल रही है।उन्होंने दावा किया, जो लोग लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई की दुहाई दे रहे हैं, उन्होंने इस इकाई को अपने निज स्वार्थ के लिए कैसे रौंदा है, यह सभी जानते हैं। भाजपा की लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था है।
उल्लेखनीय है कि 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया। इससे पहले 23 दिसंबर को ही प्रदेश में पंचायती राज की निदेशक किंजल सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को परिपत्र जारी कर निर्देश दे दिया था कि 25 दिसंबर के बाद से ग्राम प्रधानों के खातों के संचालन पर रोक लगा दी जाए।
इसके लिए सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को अपने विकास खंड के सभी ग्राम प्रधानों के खाता संचालन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। प्रदेश में इस समय करीब 58 हजार ग्राम सभाओं में ग्राम प्रधानों के पद खाली हो गए हैं और पिछले शनिवार से गांवों के विकास की जिम्मेदारी सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को मिल गई है।(भाषा)