अजमेर। अजयमेरु लेडीज सोशल सोसायटी द्वारा आयोजित भव्य 'अजयमेरु' मेले में 4 हजार लोगों ने शिरकत की। यह मेला बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। मेले की विशेषता साहिल वृद्धाश्रम से आए बुजुर्ग रहे, जिनके पैर फिल्मी धुनों पर जमकर थिरके। बाद में सोसायटी द्वारा इन बुजुर्गों को मफलर और मोजे देकर सम्मान किया गया।
अजयमेरु लेडीज सोशल सोसायटी की नंदिता रवि चौहान ने बताया कि मेले में मुख्य अतिथि शुभदा परिवार से आए बच्चों और मीनू मनोविकास परिवार के बच्चों ने भी अपनी उपस्थिति से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। प्रत्येक बच्चे को वूलन टोपी, मोजे, व फ्रेंडशिप बैंड गिफ्ट में दिए गए।
शुभदा परिवार से अपूर्व मीनू स्कूल से शमा दीदी और साहिल वृद्धाश्रम की रेवती शर्मा को शॉल भेंट करके सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने भव्य मेले की आकर्षक स्टॉल्स व रंगारंग कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। नंदिता ने मुख्य अतिथि परिवारों के प्रति आभार प्रकट किया।
निशिता देवनानी ने सभी स्टॉल्स वालों का शुक्रिया अदा किया, जिनकी मेहनत से यह मेला सम्पन्न हुआ। मेले में आमजन ने भी सभी खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या काफी ज्यादा थी।
सोसायटी प्रमुख दिशा प्रकाश किशनानी ने बताया कि मेले में 4 हजार से ज्यादा लोगों की उपस्थिति इसकी कामयाबी को बयां करती है। उन्होंने बताया कि सोसायटी में 41 सदस्याएं हैं और वे भी मेले की सहभागी बनीं। इनमें प्रमुख सदस्य थीं सारिका, प्रियंका, रीना, लक्ष्मी, मेघा, रविंदर, प्रतिमा, सवलीन, शितिमा, ममता चौहान, गीता, अंजू, मुस्कान, मोनिका, रश्मि, नीलम, नीनू, रोमा, सुषमा, सीमा, रेणु, ज्योति, पूनम अदिति, ममता शुक्ला, स्वाति, रिंकू, कला, अरुणा, किरण, रानी, रश्मी, मीनाक्षी, मंजुला, नेहा, पूजा तथा सत्यवती।
उन्होंने यह भी बताया कि अजयमेरु लेडीज सोशल सोसायटी पिछले 7 सालों से अजमेर में सामाजिक कार्य कर रही है। इसके सदस्य सुदूर ढांडियों में गई जहां लोगों की हालत काफी खराब थी। वहां पर जरूरतमंदों को स्वेटर्स और चप्पलें वितरित की। यह पहला अवसर था जब इतने वृहद पैमाने पर मेले का आयोजन किया था। अभी तक हमें कहीं से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती है।
अजयमेरु सोसायटी के प्रोजेक्टस : सोसायटी के पास नगर निगम के सहयोग से एक प्रोजेक्ट चल रहा है, अजमेर को पॉलिथिन मुक्त करने। यह प्रोजेक्ट पिछली जुलाई से कर रहा है। पिछले साल हमने रेलवे स्टेशन पर में पानी का वितरण किया था। हमारे दो और प्रोजेक्ट हैं रक्तदान और लड़कियों के सरकारी स्कूल में जाकर उन्हें प्रतियोगी स्पर्धाओं को कराने का। इन लड़कियों के मन में यही भावना जगानी होती है कि वे लड़कियां भी किसी प्रायवेट स्कूल से कम नहीं है।