श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में 6 महीने के बाद सोमवार को सरकारी और प्राइवेट स्कूल सहित सभी शैक्षणिक संस्थान खुलने से बच्चों के चेहरों पर रौनक लौट आई।
प्रदेश में 5 अगस्त से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद प्रतिबंध और बंद के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। इसके बाद सरकार ने स्कूलों में 3 महीने के लंबे शीतकालीन अवकाश की घोषणा की थी।
कश्मीर और घाटी के अन्य हिस्सों के स्कूलों में छात्रों का शोर सुनाई दिया। स्कूलों में छात्र रंगीन वर्दी और उनके अभिभावक उनके साथ देखे गए। आज सुबह स्कूल बसों के इंतजार में बस स्टैंड पर बच्चे और उनके अभिभावक बसों का इंतजार करते हुए दिखाई दिए। 6 महीने तक घर पर रहने के बाद छात्र स्कूल आने के लिए उत्सुक हो रहे हैं।
12वीं कक्षा के एक छात्र याहया भट ने कहा, 6 महीने बाद मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए वास्तव में बहुत उत्सुक हूं। आशा करता हूं इस वर्ष शांति बनी रहेगी और हम अपनी कक्षाओं में उपस्थित रह सकेंगे। मैं केवल यह आशा कर सकता हूं कि हम पिछले साल की छूटी अपनी शिक्षा की भरपाई शीघ्र कर पाएंगे।
श्रीनगर के नगर निगम के स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से अपराह्न 3 बजे तक रहेग, जबकि कश्मीर के शेष हिस्सों में समय साढ़े 10 बजे से अपराह्न साढ़े 3 बजे तक रहेगा। कश्मीर के शिक्षा निदेशक मोहम्मद यूनीस मलिक ने कहा कि पिछले वर्ष छात्रों ने अपने साहस का परिचय दिया और अब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनका साथ दें और उनके पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे।
उन्होंने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित लक्ष्यों की समयबद्ध उपलब्धि के लिए शैक्षणिक योजनाओं का पालन करने पर नजर रखते हुए नियमित स्कूलों का दौरा करें। केंद्र सरकार के 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को 2 हिस्सों में विभाजित करने और अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को सरकार ने बंद रखने का आदेश दिया।
2 सप्ताह के बाद शैक्षणिक संस्थानों को हालांकि चरणबद्ध तरीके से शीतकालीन राजधानी जम्मू और लद्दाख में फिर से खोल दिया गया, लेकिन घाटी में स्कूलों को बंद कर दिया गया था।
इस दौरान कई निजी स्कूलों ने विभिन्न स्थानों पर किराए पर कमरे लेकर छात्रों के लिए परीक्षा का संचालन किया हालांकि अन्य छात्रों को उनके गृहकार्य के आधार पद प्रोन्नत किया गया, लेकिन शेष स्कूलों में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा आयोजित की गई। शीतकालीन छुट्टियों के बाद प्रशासन ने कॉलेजों की परीक्षाओं की भी घोषणा की थी।