मोहनियां (कैमूर)। गत शुक्रवार को मोहनियां प्रखंड के मुजान गांव में आशुतोष सिंह के बगीचे में लगा एक नीम के पेड़ से दूध जैसा पदार्थ निकलते दिखा। ऊपर की टहनी से निकलकर तने के सहारे यह पदार्थ जमीन पर काफी मात्रा में जमा हो रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण इस दृश्य को देखने के लिए इकट्ठा हो गए।
लोगों में कौतूहल का विषय बना दूध इसे दैविक चमत्कार मानकर आस्था से जोड़ रहे हैं। पूजा-पाठ करने की बात कर रहे हैं। कोई इसे कई रोगों की अचूक दवा बता रहे हैं। बर्तन में भरकर घर ले जा रहे हैं।
लेकिन कृषि वैज्ञानिक इसे पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण उत्पन्न समस्या बता रहे हैं। इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक अमित कुमार सिंह ने बताया कि जड़ से पूरे वृक्ष को पौष्टिक तत्व मिलता है। जाइलम द्वारा पौष्टिक तत्व को तना तक पहुंचाया जाता है। वहां से फ्लोएम द्वारा पेड़ की टहनियों व पत्तियों तक इसे पहुंचाने का कार्य किया जाता है। कोशिकाओं द्वारा यह कार्य संपन्न की जाती है।
जाइलम के फटने के कारण नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकल रहा है। स्टेप्लोसाइक्लीन व ऑक्सीक्लोराइड का घोल बनाकर छिड़काव करने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। जहां से या पदार्थ निकल रहा है, वहां कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का लेप करने से लाभ होगा।(फ़ाइल चित्र)