Violence continues in Manipur: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में कम से कम 3 ग्राम स्वयंसेवक मारे गए और 5 अन्य घायल हो गए। जबकि, एक व्यक्ति का सिर काट लिया गया और धड़ को एक घर में फेंक दिया। दरअसल, बदले की कार्रवाई के चलते मणिपुर में इस तरह की घटना सामने आई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि खोइजुमंताबी गांव में शनिवार देर रात को यह घटना हुई, जब ग्राम स्वयंसेवक अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे। शुरुआत में दो शव बरामद किए गए और बाद में एक और शव मिला।
बीरेन सिंह घटनास्थल पर पहुंचे : पुलिस ने बताया कि गोलीबारी कई घंटे चली, जिसमें 5 लोग घायल भी हुए। पुलिस ने बताया कि इनमें से गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को इंफाल के अस्पताल ले जाया गया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात की।
पूर्वोत्तर के राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 60 हजार लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि हिंसा रोकने के लिए 36 हजार केन्द्रीय बलों की तैनाती की गई है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।
कुकी समूहों ने नाकेबंदी को हटाया : मणिपुर में कुकी समूहों के दो अग्रणी संगठनों ने रविवार को कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर कांगपोकपी जिले में दो महीने से जारी नाकेबंदी हटा ली है। यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शांति और सद्भाव बहाल करने का आह्वान किए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से नाकेबंदी हटा ली गई है।
ये दोनों संगठन पूर्व उग्रवादी समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने अपनी गतिविधियां निलंबित रखने के लिए सरकार के साथ समझौते किए हैं। संगठनों ने कहा कि गृह मंत्री ने राज्य में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए गहरी चिंता दिखाई है। हालांकि, कुकी नागरिक समाज समूह कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने अभी तक आधिकारिक तौर पर आंदोलन वापस नहीं लिया है। सीओटीयू ने ही दो महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को अवरुद्ध करने की घोषणा की थी।
मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं- NH-2 (इम्फाल-दीमापुर) और NH-37 (इम्फाल-जिरीबाम)। तीन मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से एनएच-दो को कुकी संगठनों ने अवरुद्ध कर दिया था और मई के अंत में शाह की यात्रा के बाद इसे अस्थायी रूप से खोल दिया गया था। मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। (एजेंसी/वेबदुनिया)