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joshimath landslide: प्रशासन ने जोशीमठ की जेपी कॉलोनी के 15 भवनों को तोड़ने को किया चिन्हित

हमें फॉलो करें joshimath landslide: प्रशासन ने जोशीमठ की जेपी कॉलोनी के 15 भवनों को तोड़ने को किया चिन्हित

एन. पांडेय

, मंगलवार, 17 जनवरी 2023 (21:52 IST)
देहरादून। भारत सरकार के स्तर पर केंद्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अंतर्गत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने हेतु टाइमलाइन दे दी गई है। टीसीपी तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाए जाने हेतु चिन्हित किया गया है। दूसरी ओर प्रशासन ने जोशीमठ की जेपी कॉलोनी के 15 भवनों को तोड़ने को चिन्हित किया है।
 
जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 540 एलपीएम से घटकर 123 एलपीएम हो गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव के सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से संबंधित किए जा रहे कार्यों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित कर दी गई है।
 
राहत की खबर है कि जोशीमठ में प्रारंभ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज, जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम था, वर्तमान में घटकर 123 एलपीएम हो गया है। सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर केंद्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अंतर्गत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने हेतु टाइमलाइन दी गई है।
 
सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को 3 सप्ताह, एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट 2 सप्ताह तथा अंतिम रिपोर्ट 3 सप्ताह, वाडिया संस्थान के 7 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट 2 सप्ताह तथा अंतिम रिपोर्ट 2 माह, जीएसआई के 7 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट 2 सप्ताह तथा अंतिम रिपोर्ट 2 माह, सीजीडब्ल्यूबी के 4 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट 1 सप्ताह तथा अंतिम रिपोर्ट 3 सप्ताह तथा आईआईआरएस को 1 सप्ताह में प्रारंभिक रिपोर्ट तथा 3 माह में अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
 
सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि टीसीपी तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाए जाने हेतु चिन्हित किया गया है। जेपी कॉलोनी के 15 भवनों को चिन्हित किया गया है जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
 
सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2,190 लोगों की है तथा पीपलकोटि में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2,205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है।
 
उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 1, सिंह धार में 2, मनोहर बाग में 5, सुनील में 7 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किए गए हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है। प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबंधन, निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन प्रबंधन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।
 
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हरीश रावत ने साधा उत्तराखंड सरकार पर निशाना : उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के साथ हो रहे पेपर लीक जैसे धोखे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रावत का कहना है कि डबल इंजन की सरकार लगातार प्रदेश को खोखला करने में लगी है। रावत ने कांग्रेस समर्थकों के साथ मंगलवार को देहरादून गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन करते हुए 1 घंटे का मौन धरना भी दिया।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार अपने किए वादे की विपरीत दिशा में कार्य कर रही है। सरकारी नौकरी की परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक हो जाते हैं। हाल ही में हुई पटवारी परीक्षा की भी यही स्थिति रही। डबल इंजन सरकार की योजनाओं को देखकर लगने लगता है कि जो भी परीक्षा प्रश्नपत्र होगा, उसमें एक प्रश्न जरूर होगा कि किस राज्य में सबसे अधिक पेपर लीक होते हैं?
 
रावत ने कहा कि उन्हें लगता है कि राज्य सरकार, जिसमें मुख्यमंत्री समेत सभी अधिकारी एवं मंत्री शामिल हैं, ने एक अलग ही मौन धारण कर रखा है। रावत के अनुसार नकल माफिया के तौर पर उन्होंने हाकम सिंह को तो पकड़ा लेकिन हाकम सिंह के सरदार को नहीं पकड़ पाए, जो सफेद पोशाक में था। रावत ने कहा कि यदि उसे पकड़ लिया होता तो शायद आज युवाओं के साथ ऐसा छल-कपट नहीं होता।
 
रावत के अनुसार सरकार की मंशा साफ दिख रही है कि वह गड़े मुर्दे उखाड़ने का कार्य कर रही है। सरकार ने 2015 में भर्ती हुए दरोगा को तो सस्पेंड कर दिया लेकिन अपने शासनकाल में हुए घोटालों की जांच नहीं कर रही है। वह जांच के नाम पर बस उन्हें दबाने की कोशिश कर रही है।
 
उन्होंने कहा कि यदि आज बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार के मामले में देखा जाए तो उत्तराखंड की स्थिति देश के नंबर वन राज्य में पहुंच चुकी है। इस डबल इंजन की सरकार में आज उत्तराखंड का बेरोजगार युवा ही नहीं, देवभूमि की जनता भी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही है। रावत ने कहा शायद ही इससे बड़ी भ्रष्ट कोई सरकार पहले रही हो।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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