पटना। बिहार सरकार ने गैर हाजिर शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई करते हुए 1000 शिक्षा कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। सरकार ने ड्यूटी में ढिलाई बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है, जो आदतन ड्यूटी के गायब रहते हैं। सरकार ने उन सभी का वेतन रोक दिया है। शिक्षा विभाग ने लगभग 1000 शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन रोकने का फैसला ऐसे समय में लिया है, जब पिछले दिनों राजभवन की तरफ से बिहार में ग्रेजुएशन की पढ़ाई 3 के बदले 4 साल करने का फैसला लिया गया है।
बिहार सरकार ने ड्यूटी में ढिलाई बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। अब वे शिक्षक और कर्मचारी वेतन नहीं पाएंगे। शिक्षा विभाग ने लगभग 1000 शिक्षक और कर्मचारी के वेतन रोकने का फैसला किया है। सरकारी शिक्षा विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर के बीआर अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के 630 शिक्षक और कर्मचारी, मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय के 190 शिक्षक और कर्मचारी तथा भोजपुर के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के और कर्मचारी को वेतन रोक लिया गया है।
हाल ही में अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पाठक की शिक्षा विभाग में नियुक्ति की गई है। उन्हें स्वभाव में काफी कड़क मिजाज का माना जाता है। जब उन्होंने अपना चार्ज संभाला तो सबसे पहले ऐसे कर्मचारियों और शिक्षकों की लिस्ट मांगी, जो लगातार अनुपस्थित रहते थे। इसके बाद कई विश्वविद्यालयों का औचक निरीक्षण भी किया गया जिसमें ये शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे।
Edited by: Ravindra Gupta