Shri Ram: आदिवासियों के चार प्रमुख देवता हैं- शिव, भैरव, राम, कुल देवता और स्थान देव। इसके अलावा 10 महिविद्याएं उनकी देवियां होने के साथ ही कुलदेवी और स्थान देवी हैं। भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल में 12 वर्ष आदिवासियों और संन्यासियों के बीच गुजारे थे। इन 12 वर्षों में उन्होंने आदिवासियों को शिक्षित और कुशल बनाने का कार्य किया है।
प्रभु श्रीराम ने अयोध्या से निकलकर लंका तक के सफर में जहां जहां पर अपने पग धरे वहां वहां के खास स्थानों पर मंदिर, कुंड या रामायल बन गए। निश्चित ही लंका से लौटने के बाद प्रभु श्रीराम ने अयोध्या में कई तरह के कार्य किए होंगे। जैसे शिवालय बनवाना, महल, आश्रम, कुटी आदि बनवाना। परंतु हम बता रहे हैं ऐसे कार्य जो उन्होंने अपने वनवास के दौरान किए।
1. पर्णकुटी : श्रीराम जब गंगा पार करके चित्रकूट पहुंचे तो वहां गंगा यमुना के संगम पर ऋषि भारद्वार का आश्रम था। महर्षि ने वहीं एक पहाड़ी पर श्रीराम को कुटी बनाने की सलाह थी। श्रीराम ने वहां पर पर्णकुटी बनाई और वहीं रहने लगे।
इसके बाद वे जहां पर भी गए वहां पर आदिवासी और वनवासियों को पर्णकुटी बनाना सिखाया और उसी में रहने के लिए प्रेरित किया। बाद में वे नासिक के पंचवटी क्षेत्र में गए तो वहां भी पर्टकुटी बनाई। फिर जब वे सीता की खोज में निकले तप रास्ते भर में जहां भी कुछ दिनों तक रुकना था वहां पर्णकुटी बनाई। बाद में रामेश्वरम में और फिर अंत में श्रीलंका में पर्णकुटियां बनाए जाने का उल्लेख मिलता है।
2. वस्त्र : ऐसा कहते हैं कि श्रीराम, श्रीलक्ष्मण और माता सीता खुद के ही बनाए वस्त्र और खड़ाऊ धारण करते थे। माता सीता के पास तो दिव्य साड़ी थी जो कभी गंदी नहीं होती थी। इस साड़ी को माता अनुसूइया ने उन्हें दिया था। तीनों ने संन्यासियों से पीले वस्त्र पहनें थे। बाद में उन्होंने भी खुद से ही वस्त्र बनाने की तकनीक सीख और लोगों को सिखाई भी।
3. शिवलिंग : महाकाव्य 'रामायण' के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने के पहले रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की थी। रामेश्वरम का शिवलिंग श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग है। श्रीराम ने रामेवश्वर का शिवलिंग ही स्थापित नहीं किया उन्होंने संपूर्ण मार्ग में कई जगहों पर शिवलिंग स्थापित किए और मंदिर भी बनवाए थे।
4. कुंड : श्रीराम ने जंगल में वर्षा जल संग्रहण के लिए कुछ कुंड भी बनवाए थे। देशभर के उन कुंडों का नाम सीता कुंड है। इनमें से कुछ कुंड लक्ष्मण और सीता जी ने भी बनाए थे।
5. गुफा : कहते हैं कि श्रीराम ने चित्रकुट और नासिक के क्षेत्र में कुछ गुफाओं का भी निर्माण किया था। वहां वे भारी बारिश के दिनों में रहते थे।
6. सेतु बनवाया: इसके बाद प्रभु श्रीराम ने नल और नील के माध्यम से विश्व का पहला सेतु बनवाया था और वह भी समुद्र के ऊपर। आज उसे रामसेतु कहते हैं जबकि राम ने इस सेतु का नाम नलसेतु रखा था।
7. तीर कमान : ऐसी भी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम ने वनवसियों और आदिवासियों को तीर कमान बनाना सिखाया और चलाना भी सिखाया था। उल्लेखनीय है कि इस दौरान उन्होंने कई लोगों को कृषि करना भी सिखाया था।